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Shani Margi 2025 Meen Effect: बदलने वाली है शनि की चाल, मार्गी शनि बरसाएंगे कृपा, ये पांच राशियां हैं शामिल

Shani Margi 2025 Meen Effect: बदलने वाली है शनि की चाल, मार्गी शनि बरसाएंगे कृपा, ये पांच राशियां हैं शामिल shani-margi-14-nov-2025-meen-effect-dhanu-singh-kumbh-mesh-good-time-astrology-hindi-news-pds

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Preeti Dwivedi
Shani Margi 14 Nov 2025 Meen

Shani Margi 2025 Meen Effect: बीते 4 महीने से वक्री चल रहे शनि बहुत जल्द अपनी चाल बदलने वाले हैं। लोक विजय पंचांग के अनुसार 18 नवंबर शुक्रवार को शनि सीधी चाल शुरू करने वाले हैं। चलिए जानते हैं ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री से कि शनि कब से कब तक मार्गी रहेंगे, इसका शुभ अशुभ फल किसे मिलेगा।

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शनि के मार्गी होने पर जीवन में ठहराव खत्म होकर सुधार और परिणाम का समय शुरू होता है।

नवंबर में इस दिन मार्गी होंगे शनि

(Shani Margi kab se hain 2025) 

ज्योतिषाचार्य रामगोविंद शास्त्री के अनुसार शनि मीन राशि में 14 जुलाई को वक्री हुए थे। इसके चार महीने बाद नवंबर में शनि मार्गी होने जा रहे हैं। जो करीब चार महीने तक इसी राशि में मार्गी रहेंगे। इसके बाद फिर वक्री होंगे।

इन पांच राशियों पर जमकर बरसाएंगे कृपा

(Shani Magri 2025 Effect)

हिन्दू पंचांग के अनुसार शनि के मार्गी होने पर धनु, सिंह, कुंभ, मीन और मेष राशियों के लिए बेहद शुभ रहेगा।

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शनि मार्गी होने पर कैसा असर डालता

shani-margi 2025

ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार जब शनि मार्गी होता है, यानी जब इसकी सीधी चाल शुरू होती है तो इसका असर धीरे-धीरे लेकिन बहुत गहरा पड़ता है।

शनि को कर्म, अनुशासन, न्याय और धैर्य का ग्रह माना जाता है। जब यह वक्री (retrograde) से निकलकर मार्गी (direct) होता है, तो लोगों के जीवन में स्थिरता और परिणाम का दौर शुरू होता है।

1. कर्म के परिणाम मिलने लगते हैं

जब शनि मार्गी होता है, तब जो मेहनत आपने पिछले महीनों में की होती है, उसका फल धीरे-धीरे मिलने लगता है। अच्छे कर्म वालों को राहत मिलती है, और गलत काम करने वालों को जवाबदेही का सामना करना पड़ता है।

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2. अटके काम फिर शुरू हो जाते हैं

शनि के सीधा होने पर जिन कामों में देरी या रुकावट आ रही थी, वे दोबारा गति पकड़ते हैं। विशेष रूप से नौकरी, प्रमोशन या कानूनी मामलों में सुधार होता है।

3. जिम्मेदारियों का अहसास बढ़ता है

लोग अपने जीवन में अनुशासन और गंभीरता को ज्यादा अपनाते हैं। आलस कम होता है और जिम्मेदारियों को समझने की भावना बढ़ती है।

4. कठिन समय का अंत होने लगता है

जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है, उनके लिए समय अनुकूल होने लगता है। कष्ट के समय में कमी आने लगती है। हालांकि परिणाम व्यक्ति की कुंडली पर निर्भर करते हैं।

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5. धैर्य की परीक्षा

शनि हमेशा सिखाता है कि जल्दबाज़ी नहीं, बल्कि स्थिरता और धैर्य ही सफलता की कुंजी है। जब यह मार्गी होता है, तो यह सबक और स्पष्ट रूप से सामने आता है।

FAQ's

1. शनि की साढ़े साती किस पर चल रही है

कुंभ, मीन, मेष

2. शनि की अढ़ैया किस पर चल रही है

धनु, सिंह

3. शनि की साढ़ेसाती क्या होती है?

साढ़ेसाती का मतलब साढ़े सात साल तक चलने वाला समय, जिसमें शनि किसी व्यक्ति की जन्म राशि से पहले, उसी राशि में और उसके बाद वाली राशि में रहता है।

शनि हर राशि में लगभग ढाई साल रहता है।
इसलिए 3 राशियों का समय = 2.5 × 3 = 7.5 साल (साढ़े सात साल)

उदाहरण से समझिए:

अगर किसी की जन्म राशि मकर है, तो जब शनि

धनु राशि में आता है (मकर से पहले),

मकर राशि में रहता है, और

कुंभ राशि में जाता है (मकर के बाद), तो यह पूरी अवधि मिलाकर शनि की साढ़ेसाती कहलाती है।

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4. शनि का क्या असर होता है?

  • इस दौरान व्यक्ति के जीवन में कठिन परीक्षा, जिम्मेदारी, मेहनत और धैर्य की जरूरत होती है।
  • शनि गलतियों का फल सिखाता है और ईमानदारी से मेहनत करने वालों को अंत में बड़ा फल और सम्मान देता है।
  • शुरुआती समय में दबाव रहता है, लेकिन बाद में सुधार आता है।

5. शनि की अढ़ैया (ढैय्या) क्या होती है?

अढ़ैया या ढैय्या का मतलब है जब शनि आपकी जन्म राशि से चौथी या आठवीं राशि में आता है। इसकी अवधि लगभग ढाई साल होती है। इसे “छोटी साढ़ेसाती” भी कहा जाता है।
इस समय भी शनि जीवन में कुछ चुनौतियाँ लाता है, लेकिन ये उतनी लंबी या गहरी नहीं होतीं जितनी साढ़ेसाती में होती हैं।

6. क्या असर होता है?

इस दौरान व्यक्ति को काम में रुकावटें, आर्थिक दबाव, परिवार या स्वास्थ्य से जुड़ी चिंता हो सकती है। पर अगर व्यक्ति मेहनत, ईमानदारी और धैर्य रखे, तो अंत में लाभ और सुधार भी मिल जाता है।

7. शनि किस राशि के स्वामी हैं?

ग्रहस्वामी राशियाँस्वभावगुण
🪐 शनिमकर ♑ और कुंभ ♒स्थिर, गंभीर, कर्मप्रधानअनुशासन, न्याय, मेहनत, स्थिरता

8. मकर राशि में शनि का स्वभाव

  • यह राशि व्यवहारिक, मेहनती और जिम्मेदार मानी जाती है।
  • जब शनि मकर में होता है, तो यह लोगों में अनुशासन, धैर्य और कर्मनिष्ठा बढ़ाता है।
  • ऐसे लोग काम को बहुत गंभीरता से करते हैं और धीरे-धीरे सफलता हासिल करते हैं।

9. कुंभ राशि में शनि का स्वभाव

  • कुंभ राशि विचार, समाज और मानवता से जुड़ी होती है।
  • शनि यहां सामाजिक जिम्मेदारी, समानता और दूरदर्शी सोच देता है।
  • इस स्थिति में शनि व्यक्ति को समाज के लिए काम करने और दूसरों की मदद करने की प्रेरणा देता है।

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