Shaktishali Stri Vashikaran Mantra: हमारे दैनिक जीवन में कई तरह की समस्याएं आती हैं। जिन्हें दूर करने के लिए भी लोग तरह- तरह के उपाय ढूढ़ते हैं। हमारे हिन्दू धर्म और शास्त्रों में इन दैनिक समस्याओं को दूर करने के लिए कई तरह के उपाय (Jyotishiye Upay) और तरीके सुझाए गए हैं।
हिन्दू धर्म (Hindu Relign) में कई तरह के वशीकरण मंत्र (Vashikaran Mantra) बताए गए हैं। यदि आप भी जानना चाहते हैं कि शक्तिशाली स्त्री वशीकरण मंत्र (Shaktishali Stri Vashikaran Mantra), उत्तम वशीकरण (Uttam Vashikaran Mantra Kon sa Hai) कौन से हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं इन वशीकरण मंत्र कौन से (Vashikaran Mantra Kon se hain) हैं और इन्हें करने का तरीका क्या है।
1: वशीकरण मंत्र (Vashikaran Mantra)
अग्निश्च पृथिवी च सन्नते ते नां मे सं नमतामदो वायुश्चान्तरिक्षं च सन्नते ते मे सं नमतामद ऽआदित्यश्च द्यौश्च सन्नते ते मे सं नमतामद ऽ आपश्च वरुणश्च सन्नते ते मे सं नमतामदः। सप्त स १४ सदो अष्टमी भूतसाधनी। स कामोरँ अध्वनस्कुरु संज्ञानमस्तु मे मुना।
इत्यादि मंत्र उत्तम वशीकरण है।
2: वशीकरण मंत्र
परीमे गामनेषत पर्यग्निमहृषत।
देवेष्वक्रत श्रवः कऽ इमां २ आ दधर्षति।।
यह उत्तम वशीकरण मंत्र है। इस मंत्र के प्रयोग से मारने के लिए आया हुआ मनुष्य भी वश में हो जाता है। धर्मात्मन्! उक्त मंत्र से अभिमन्त्रित भक्ष्य, ताम्बूल, पुष्प आदि किसी को दे दिया जाए तो वह शीघ्र ही देनेवाले के वशीभूत हो जाएगा।
3: स्त्रीवशीकरण मंत्र- (Stri Vashikaran Mantra)
परि प्रिया दिवः कविर्वयांसि नप्र्योहितः।
स्वानैर्याति कविक्रतुः।।
यह मंत्र, जिसे प्राप्त करने की इच्छा हो, उस स्त्री को सुनाएँ। ऐसा करने से वह स्त्री उसे चाहने लगती है, इसमें अन्यथा विचार नहीं करना चाहिए।
किन परिस्थितियों में वशीकरण होता है
ऐसा माना जाता है कि वशीकरण उत्तर दिशा श्रेष्ठ होता है।
इसे करने के लिए सोमवार व बुधवार को ज्यादा उपयुक्त बताया जाता है।
वशीकरण के लिए चांदी के बर्तन का उपयोग किया जाता है।
इसके लिए ज्यादातर गर्मी के मौसम का उपयोग किया जाता है। इसके लिए जल मंडल श्रेष्ठ माना जाता है।
इसके लिए मंत्र एवं वर्ण बीज जल ही श्रेष्ठ माने गए हैं।
जानकारों की मानें तो नक्षत्र निर्भर करता है कि किस प्रकार का वशीकरण है और किस पर यह प्रयोग किया जा रहा है। न्यास व विनियोग प्रयोग में लिए गए देवता पर निर्भर करता है।
इसके लिए उपयोग किए जाने वाले आसन में ऊनी कंबल श्रेष्ठ माना गया है।
इसके लिए कमलनाल की माला का उपयोग की जाती है।
इसक यंत्र लेखन में गोरोचन की स्याही का उपयोग किया जाता है।
इसे करने के लिए श्रेष्ठ स्थान नदी का किनारा बताया गया है।
इसे करने के लिए सबसे उपयुक्त समय महाकाल रात्रि यानी रात 9 से 1:30 बजे का बताया गया है।
वशीकरण में गुलाबी या लाल वस्त्र श्रेष्ठ माने गए हैं।
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नोट: इस लेख का उद्देश्य मात्र पाठकों को शास्त्रानुसार जानकारी देना है। कोई भी साधना बिना गुरू दीक्षा के पूर्ण नहीं होती। साधना व सिद्धि हेतु गुरु का मार्गदर्शन परम आवश्यक है।
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य सूचनाओं पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह ले लीजिए।