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शाजापुर/आदित्य शर्मा की रिपोर्ट। शाजापुर में संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल पुराने जिला अस्पताल परिसर के बाहर जारी है। गुरुवार को संविदाकर्मियों की हड़ताल का आठवं दिन रहा, लेकिन अब तक सरकार ने कोई पहल नहीं की है। सरकार का ध्यानाकर्षण करने तरह- तरह के प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने नहीं सुनी है। सरकार का ध्यानाकर्षण करने भैंस के आगे बीन बजाने के मुहावरे की थीम पर प्रदर्शन करते भैंस के आगे बीन बजाई है। संविदा स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि लंबे समय से पूरे प्रदेश के संविदा स्वास्थ्यकर्मी मांगें पूरी करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आह्वान कर रहे हैं। लेकिन सरकार उनकी मांग पूरी करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है और न शासन के ओर से कोई आश्वासन आया। इस कारण 15 दिसंबर से अनिश्चित कालीन हड़ताल कर रहे हैं। अब हमने भैंस के आगे बीन बजाकर सोई हुई सरकार को जगाने का प्रयास किया है। रोजाना ही वह धरने पर नारेबाजी कर रहे हैं, लेकिन कोई सुुनवाई नहीं हो पा रही है। हालांकि उनके धरने को जिसने भी समर्थन दिया है, सभी ने उनकी मांगों को जायज बताया है।
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स्वास्थ्य कर्मियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से इसका असर सीधे-सीधे आम जनता पर पड़ने लगा है और आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला अध्यक्ष चित्रा सिंह ने बताया कि लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश में लगभग 32000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यरत है जो की विगत 1 से 20 वर्षो से लगातार कार्यरत है जिन्होंने कोरोना काल के दौरान भी अपनी जान हथेली पर रखकर लगातार स्वास्थ्य सेवाएं दी हैं, जिसमें अपने कई साथियों को भी खोया है। सरकार द्वारा संविदा कर्मचारियों के लिए कैबिनेट में 05 जून 2018 की नीति सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी की गई थी, जिसके अनुसार खेल युवा कल्याण विभाग, महिला बाल विकास विभाग, राजस्व विभाग, पशुपालन विभाग, लोक सेवा प्रबंधन विभाग, स्थानीय निधि संपरीक्षा म.प्र. प्रकोष्ठ भोपाल आदि में लागू की जा चुकी है परन्तु एन.एच. एम. के संविदा कर्मचारियों पर आज दिनांक तक लागू नहीं की गई।
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उन्होंने बताया कि विगत वर्ष 2021 में आंदोलन के दौरान एन.एच.एम द्वारा जारी पत्र क्र. एनएचएम / एचआर / 2021 /8753 दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि जून के द्वितीय सप्ताह 2021 तक वित्त विभाग से अन्तिम निर्णय लेकर 05 जून 2018 की नीति लागू कराई जावेगी जो कि आज दिनांक तक लंबित है। वहीं संविदा कर्मचारियों को नियमित करने और सीएचओ को एमएलएचपी कैडर में रखने आदि मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। प्रदेश सरकार जब तक हमारी लिखित में मांग पूरा करने का नहीं कहेगी, तब तक हड़ताल बंद नहीं करेंगे।
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