अजय नामदेव, शहडोल। प्रदेश के शहडोल जिले से एक बार फिर अव्यवस्था की तस्वीर सामने आई है। जहां एक आशा कार्यकर्ता एक गर्भवती महिला को पैदल नदी पार करा इलाज ( रूटीन चेकअप ) के लिए अस्पताल ले जाते दिखाई दे रही है। यह तस्वीर शोसल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है। मार्ग और पुल नहीं होने के कारण गांव तक वाहन नहीं पहुंच पाता है, जिसकी वजह से यहां पर आपात स्थिति में लोगों की जान जोखिल में डाल कर अस्पताल जाने को मजबूर हैं। बताया जा रहा है कि यह तस्वीर शहडोल जिले के केशवाही कस्बे से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर छिनमार गांव की है। यहां मार्ग और नदी पर पुल नहीं होने के कारण आए दिन लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है।
रुटीन चेकअप के लिए जान का जोखिम
जिले के जैतपुर तहसील अंतर्गत ग्राम छिनमार निवासी सीमा केरकेट्टा पति विनय को नौ माह का गर्भ है। उसे रूटीन चेकअप के लिए केशवाही अस्पताल जाना था। केशवाही अस्पताल छिनमार गांव से करीब 20 किलोमीटर दूर है। गांव की आशा कार्यकर्ता कुसुम सिंह उसे किसी साधन से गांव के बाहर गोड़हरी नाला तक लेकर पहुंची। जहां से केशवाही अस्पताल 5-6 किलोमीटर दूर है। नाले में बरसात की वजह से घुटनों तक पानी था। गर्भवती महिला आशा कार्यकर्ता के साथ बहते पानी को पार कर दूसरी ओर पहुंची। गांव से बाहर जाने के लिए यही एक रास्ता है। यदि किसी की तबीयत बिगड़ जाए तो दूसरी ओर जाने के लिए परेशानी हो जाती है। खाट या दूसरी व्यवस्था कर उफनते नाले को पार करना पड़ता है।
दूसरे क्षेत्रों में भी इसी तरह के हालात
आपके बता दे 5 दिन पहले ही शहडोल जिले के ग्राम बैम्होरी में ऐसा ही मामला सामने आया था। जहां पुलिया नहीं होने से एक बीमार वृद्धा को खाट ( खटिया) पर लेटाकर उसका बेटा, नाती लेकर अस्पताल ले गए थे। पुल-पुलिया की ओर प्रशासन का ध्यान नहीं है। कई ऐसे गांव हैं जहां के लोगों को परेशानी होती है। 5 दिन ही बीता था कि एक और मामला सामने आया है। जहां पुलिया नहीं होने से गर्भवती महिला को जान जोख़िम में डालकर नदी पार कर इलाज कराने जाना पड़ा। वही इस पूरे मामले में क्षेत्र की विधायक ऐसी अव्यवस्थाओं को देख अफसोस तो का रही हैं। वही जल्द ही पुलिया निर्माण कराने की बात भी कह रही है। इस संबंध में जिले की कलेक्टर महोदया भी गंभीरता दिखाते हुए किन कारणों से किस विभाग की लापरवाही के चलते पुलिया निर्माण नहीं हुआ उसे दिखवाने की बात कह रही है।