अजय नामदेव
शहडोल। एक ओर जहां सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में बच्चों का दाखिला बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। तो वही दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में बच्चो को जमीन पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है। इतना ही नही छात्रों से स्कूल के झूठे बर्तन तक धुलाया जा रहा , यह नजारा जिले के बुढार विकासखण्ड शिकसा अंर्तर्गत शासकीय प्राथमिक पाठशाला कुल्लुहा का है।
स्कूलों में छात्रों को फट्टी तक नशीब नही है। जमीन पर बैठ शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चो से झूठे बर्तन धुलाया जा रहा है। स्कूल परिषर में जिस स्थान पर बच्चे भोजन ग्रहण करते है उसके आस पास खाने की तलाश में आवारा कुत्ते घूमते रहते है। जिससे बच्चो को उनके काटने का खतरा भी बना रहता है।
वही इस मामले में स्कूल के शिक्षकों ने जमीन पर बैठ बच्चे शिक्षा ग्रहण कर करने व बच्चो से झूठे बर्तन धुलाने की बात स्वीकार रहे तो इस मामले में जिम्मेदार विकासखंड शिक्षा अधिकारी दीपक निगम इसे गलत ठहराते मामले की जांच करा दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की बात कह रहे है।
जिन हाथों में कलम होनी चाहिए थी, उन्हीं हाथों से जूठे बर्तन धोता बचपन, अफसरों को खुली आंखों से भी दिखाई नहीं दे रहा. बेपरवाही का यह आलम और कहीं नहीं बल्कि शहडोल के शिक्षा के मंदिर में हो रहा है। सरकार दावा तो बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का कर रही है, लेकिन हकीकत दावों से कोसों दूर है।