Shahdol News: शहडोल में हुए पटवारी हत्याकांड मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। जिसमें अब अधिकारी आमने-सामने आ गए हैं। इसमें कलेक्टर और तहसीलदार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा कर पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं।
पटवारी के साथ नहीं था सुरक्षा बल, FIR को लेकर भी कई सवाल
वारदात वाले दिन पटवारी प्रसन्न सिंह बघेल के साथ ड्राइवर सहित केवल चार सहयोगी थे। अगर उस दिन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते या पुलिस बल मौजूद रहता तो रेत माफिया इतनी बड़ी वारदात को करने से पहले सौ बार सोचते। मामले में प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर भी कई तरह सवाल मृतक के परिजन और आरोपी के परिजन भी उठा चुके हैं। वारदात के बाद पुलिस की FIR भी संदेह के घेरे में है।
पटवारी ने जताई थी हमले की आशंका
पटवारी प्रसन्न सिंह बघेल के परिजन भी पुलिस और प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं। मृतक की बेटी ने कहा, कि अगर वारदात वाले दिन पुलिस होती तो इस तरह की घटना नहीं होती। पापा ने हमले को लेकर पहले ही संदेह जता दिया था।
कहां हुआ हमला, कैसी हुई वारदात ?
ये पूरी वारदात ब्यौहारी इलाके में हुई जब पटवारी पटवारी प्रसन्न सिंह बघेल अपने ड्राइवर और तीन सहयोगी के साथ रेत माफियाओं को रोकने के लिए गश्त में निकले थे।जहां उन्होंने दौड़कर अवैध रेत से भरे ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश की। लेकिन माफियाओं ने पटवारी प्रसन्न सिंह बघेल पर गाड़ी चढ़ा दी। जहां उनकी मौत हो गई।
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