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हाइलाइट्स
- शेफाली वर्मा बनीं सबसे युवा प्लेयर ऑफ द मैच
- 6 दिन पहले टीम से बाहर, अब भारत की हीरो
- 87 रन और 2 विकेट से भारत को दिलाई विश्व कप जीत
Womens World Cup 2025 Final Shafali Verma Success Story: महिला वनडे विश्व कप 2025 (Women’s ODI World Cup 2025) का फाइनल भारत के ऐतिहासिक विजय के साथ-साथ एक अद्भुत इंसानी कहानी लेकर आया — शेफाली वर्मा (Shefali Verma) की कहानी। 21 साल 279 दिन की उम्र में शेफाली विश्व कप फाइनल (पुरुष या महिला) में “प्लेयर ऑफ द मैच” (Player of the Match) बनने वाली सबसे युवा क्रिकेटर बन गईं।
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विश्व कप फाइनल मैच जीतने के बाद जश्न मनाती शेफाली वर्मा[/caption]
छह दिन पहले तक उनका नाम टीम इंडिया की वर्ल्ड कप स्क्वॉड (Team India Squad) में भी नहीं था, लेकिन किस्मत ने ऐसा पलटा खाया कि वही भारत की हीरो बन गईं।
विश्व कप फाइनल में शेफाली वर्मा का जलवा
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फाइनल में शेफाली वर्मा की 87 रनों की विस्फोटक पारी और दो विकेटों का योगदान दिया[/caption]
2 नवंबर 2025 को खेले गए महिला वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल (Women’s World Cup Final 2025) में भारत ने दक्षिण अफ्रीका (India vs South Africa) को हराकर 52 साल बाद पहली बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। इस जीत में शेफाली वर्मा की 87 रनों की विस्फोटक पारी और दो विकेटों का योगदान निर्णायक रहा। उन्होंने 78 गेंदों में 7 चौके और 2 छक्के लगाए।

दक्षिण अफ्रीका की एनेके बॉश ने शेफाली का 56 रन पर कैच छोड़ दिया, जो मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। मानो किस्मत खुद शेफाली के साथ थी। उस ड्रॉप कैच के बाद शेफाली ने अपना गियर बदला और भारत को विजयी स्थिति में पहुंचा दिया।
6 दिन पहले तक टीम से बाहर, फिर किस्मत ने दिया मौका

विश्व कप से ठीक छह दिन पहले तक शेफाली वर्मा भारतीय महिला टीम (Indian Women’s Cricket Team) का हिस्सा नहीं थीं। जब प्रतिका रावल चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर हुईं, तब शेफाली को रिप्लेसमेंट के रूप में बुलाया गया। सेमीफाइनल में उनका बल्ला शांत रहा, लेकिन फाइनल में उन्होंने पूरे विश्व क्रिकेट को जवाब दे दिया।
शेफाली की यह कहानी केवल खेल की नहीं, बल्कि विश्वास, संघर्ष और अवसर को भुनाने की कहानी है।
शेफाली वर्मा की वापसी: संघर्ष से सफलता तक
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जुलाई 2022 में शेफाली ने अपना पिछला वनडे अर्धशतक बनाया था[/caption]
जुलाई 2022 में शेफाली ने अपना पिछला वनडे अर्धशतक बनाया था। इसके बाद लगातार 13 पारियों तक वो फिफ्टी नहीं बना पाईं। नौ बार वो 15 रन से कम और छह बार एक अंक में आउट हुईं। आलोचकों ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया। लेकिन शेफाली ने हार नहीं मानी।
2024-25 के घरेलू सीजन (Domestic Season 2025) में उन्होंने हरियाणा के लिए 75.28 की औसत और 152 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए। वहीं, WPL 2025 (Women’s Premier League 2025) में चौथी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी बनीं।
शेफाली बोलीं – “भगवान ने मुझे कुछ अच्छा करने के लिए भेजा था”
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शेफाली वर्मा ने कहा आज वो सपना सच हो गया[/caption]
मैच के बाद शेफाली वर्मा भावुक नजर आईं। उन्होंने कहा – “मैंने शुरू में ही कहा था कि भगवान ने मुझे कुछ अच्छा करने के लिए भेजा है। और आज वो सच हो गया। मैं बहुत खुश हूं कि हमने आखिरकार विश्व कप जीत लिया। इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती।”
उन्होंने आगे कहा – “टीम में देर से बुलाए जाने के बाद फोकस करना मुश्किल था, लेकिन मैंने खुद पर भरोसा रखा। मेरे माता-पिता और भाई ने हमेशा मेरा साथ दिया। सीनियर्स जैसे स्मृति दीदी और हरमन दीदी ने मुझसे कहा कि डरना नहीं, बस अपने गेम पर भरोसा रखो — और आज वही काम आया।”
सचिन तेंदुलकर से मिली प्रेरणा
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सचिन तेंदुलकर से मिली प्रेरणा [/caption]
शेफाली वर्मा ने अपने आदर्श सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने कहा – “सचिन सर बालकनी में थे, उन्हें देखकर अलग ही जोश आया। वो हमेशा कहते हैं कि खुद पर भरोसा रखो और मुस्कुराते रहो। उन्हें देखकर लगा कि मेरी मेहनत रंग लाई है।”
रोहतक की बेटी, जिसने सपनों को सच कर दिखाया
हरियाणा के रोहतक (Rohtak, Haryana) की रहने वाली शेफाली वर्मा के पिता खुद क्रिकेट फैन थे। जब लोकल क्रिकेट अकादमी ने किसी लड़की को दाखिला देने से मना किया, तो उनके पिता ने उनके बाल छोटे कर दिए और लड़के के रूप में उन्हें अकादमी में दाखिल कराया।
महज 15 साल की उम्र में शेफाली ने भारत के लिए T20I डेब्यू किया और सबसे कम उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाली भारतीय बनीं। उनके विस्फोटक अंदाज़ की तुलना अक्सर वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) से की जाती है।
शेफाली वर्मा का करियर रिकॉर्ड (Shefali Verma Career Stats)
टेस्ट मैच: 5 मैच – 567 रन
वनडे: 31 मैच – 741 रन
टी20: 90 मैच – 2221 रन
शेफाली के नाम 3 शतक और 17 अर्धशतक दर्ज हैं। वह भारत की सबसे भरोसेमंद ओपनिंग बल्लेबाज़ों में से एक मानी जाती हैं।
पिता को हार्ट अटैक, लेकिन शेफाली ने नहीं छोड़ी उम्मीद
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शेफाली वर्मा अपने पिता के साथ[/caption]
विश्व कप से कुछ महीने पहले शेफाली की जिंदगी में मुश्किलों का तूफान आया। उनके पिता को हार्ट अटैक हुआ और उसी दौरान उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया। शेफाली ने बताया – “मैंने पापा को नहीं बताया कि मुझे टीम से निकाला गया है। वो अस्पताल में थे। मैंने उन्हें एक हफ्ते बाद बताया। उस वक्त मैंने खुद से वादा किया था कि मैं वापसी करूंगी।”
गॉड प्लान: फर्श से अर्श तक का सफर
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शेफाली वर्मा का अचानक स्क्वॉड से बाहर होना और फिर रिप्लेसमेंट के तौर पर लौटकर भारत को विश्व कप जिताना किसी “फैरीटेल” (Fairytale Story) से कम नहीं। यह कहानी साबित करती है कि मेहनत, आत्मविश्वास और किस्मत जब साथ आ जाएं, तो कोई भी खिलाड़ी इतिहास रच सकता है।
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