Shabar Mantra for Personal Life: आज की बदलती लाइफ लोगों के प्रोफेशनल के साथ-साथ पर्सनल लाइफ को बिगाड़ रही है। दुनिया में कई लोग शादीशुदा होने के बावजूद भी पता नहीं क्यों किसी तीसरे के पीछे भागने लगे हैं।
ऐसे में यदि आप भी किसी इसी तरह की तरह की समस्या के चलते परेशान हैं और आपकी भी फैमिली लाइफ (Family Life) बिगड़ रही है तो हम आपके साथ शेयर कर रहे हें इस शाबर मंत्र, जिसे करके आप भी पर्सनल लाइफ को सुधारने की कोशिश कर सकते हैं।
कब लाभकारी होता है शाबर मंत्र
यह मन्त्र उन परिस्थितियों में लाभकारी है। जब किसी स्त्री का पति किसी अन्य स्त्री में रुचि लेने लगता है या किसी अन्य स्त्री का उसके पति से मानजन्य सम्बन्ध हो। ऐसी स्थिति में दाम्पत्य सुख का सर्वनाश होने की आशंका बनी रहती है।
जिस स्त्री अथवा कन्या में पति रुचि ले रहा हो उसका नाम पहले वाले रिक्त स्थान में रखें तथा दूसरे रिक्त स्थान में अपना नाम रखें। अपने नाम के स्थान पर ‘मेरे पास आ जाए’ यह भी बोला जा सकता है।
कौन कर सकता है शाबर मंत्र
यह मन्त्र जिस प्रकार से कोई विवाहित स्त्री अपने भ्रमित पति को सम्मोहित करने के लिए कर सकती है, उसी तरह कोई पुरुष अपनी भ्रमित पत्नी को सम्मोहित करने के लिए कर सकता है। इस मन्त्र का प्रयोग किसी विवाहित पुरुष अथवा स्त्री को अपनी ओर सम्मोहित करने के लिए पत्नी या पति के अतिरिक्त किसी अन्य कन्या अथवा पुरुष को नहीं करना चाहिए।
ऐसा इसलिए नहीं कि उस स्थिति में यह मन्त्र कार्य नहीं करेगा, बल्कि इसलिए कि किसी के जीवन को नष्ट करने के लिए किया जाने वाला मन्त्र उस मन्त्र का दुरुपयोग है। मन्त्र का दुरुपयोग जीवन के किसी दूसरे क्षेत्र को आक्रान्त कर देता है, अतः मन्त्र का प्रयोग (Shabar Mantra ka Prayog) अपनी कार्य सिद्धि के लिए ही किया जाना चाहिए।
पति-पत्नी के बची तीसरे से बचने का साबर मंत्र
ओम् सत्यनाम आदेश गुरु को लौंग-लौंग मेरा भाई, इन्हीं लौंग ने शक्ति चलाई पहली लौंग रातीमती, दूजी लौंग जोबन मती, तीजी लौंग अंग मरोड़े, चौथी लौंग दोऊ कर जोड़े चारों लौंग जो मेरी खाय के पास से के पास आ जाय गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरी वाचा।”
तीन प्रकार के होते हैं मंत्र
1.वैदिक मंत्र
2.तांत्रिक मंत्र
3.शाबर मंत्र
शाबर मंत्र के जनक
जानकारी के अनुसार गुरु मत्स्येंद्र नाथ और उनके शिष्य गुरु गोरखनाथ को शाबर मंत्रों का जनक (Shabar Mantra ke Janak) कहा जाता हैं। इन मंत्रों को शैवपंथ की नाथ परंपरा के अलावा आदिवासी, बंजारा, सपेरा, जादूगर और भारत की अन्य जनजातियों के मंत्र कहा जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि इन शाबर मंत्रों में वज्रयान की वज्रडाकिनी अथवा वज्रतारा आदि से भी निचली तामसिक देवों की प्रार्थना की जाती है।
किसे कहते हैं साबर मंत्र
शाबर मंत्र (Shabar Mantra) को प्राकृत मंत्र (Prakrat Mantra) भी कहा जाता है। यानी यह मंत्र संस्कृत भाषा में नहीं बल्कि प्राकृत भाषा यानी आम बोलचाल की भाषा में होता है। हालांकि कई साबर मंत्रों में संस्कृत, हिंदी, मलयालम, कन्नड़, गुजराती या तमिल भाषाओं का मिश्रण भी मिलता है। शुद्ध क्षेत्रीय भाषाओं की ग्राम्य शैली और कल्पना का समावेश भी इनमें दिखाई देता है। सामान्यतया ‘शाबर मंत्र’ हिंदी में (Shabar Mantra in Hindi) ही मिलते हैं।
नोट: इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य सूचनाओं पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह जरूर ले लें।