Shabaash Mithu Review :फिल्म में एक सीन ऐसा दिखाया गया है जिससे कोई भी समझ सकता है कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम कितने आभाव में अपना रास्ता बनाया है। उस से में दर्शाया गया है कि महिला टीम टूर्नामेंट के मैच खेलने के लिए जा रही होती है। बहुत लम्बा रास्ता उन्हें बस से ही तय करना होता है। जिसमे काफी टाइम लगता है जब महिला खिलाडियों को टायलेट जाना होता है तो रस्ते वो टायलेट न मिलने कि वजह से रस्ते में ही उन्हें खुले खेतों में टायलेट के लिए जाना पड़ता है। उस सीन में दिखता है कि वही एक बड़ा सा होडिंग लगा रहता है जिसमे भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम का विज्ञापन लगा रहता है। ऐसा ही एक सीन जिसमे मितली राज से से ही हारी हुई पुरष टीम के खिलाडियों के साथ फोटो खिचवाने के लिए बोलते है लोग जानते ही नहीं कि ये भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान है।
अगर आप क्रिकेट फैन है तो आप भारतीय क्रिकेट टीम के प्लेयर के नाम तो ज़रूर ही जानते होंगे। लेकिन हम भारतीय पुरुष टीम की नहीं बल्कि हम बात कर रहे है भारतीय महिला टीम के बारें में लेकिन ऐसे बहुत ही काम लोग होंगे जो भारतीय महिला क्रिकेट टीम के सदस्यों के नाम जानते हो यदि आप भारतीय महिला टीम के बारें में ज्यादा नहीं जानते तो कोई बात नहीं आपके इन्ही सवाल के जवाब देती है तापसी पन्नू की फिल्म ‘शाबाश मिथु’ जानते है फिल्म कि खास बातें-
कहानी
फिल्म कि कहानी हमें 1990 के दशक की याद दिलाती है। ये वो समय था जिसमे मितली राज के बचपन के बारें में बताया गया है जिसमे मिताली अपनी दोस्त नूरी के साथ भरतनाट्यम क्लास में होती है। जहां मिताली नूरी को डांस सीखाती हैं, तो वहीं दूसरी तरफ नूरी मिथु को क्रिकेट खेलने के लिए ले जाती है। गली में क्रिकेट खेलते वक़्त कोच संपत (विजय राज) की नजर उन दोनों पर पढ़ती है। जिसके बाद वो उन्हें ट्रेनिंग देने लगते है मजेदार बात ये है की वो दोनों क्रिकेट की प्रेक्टिस कर रही है ये बात नूरी सात साल तक अपने घर वालों से छुपाये रखती है। वहीं दूसरी तरफ मिताली को अपने परिवार से काफी सपोर्ट मिलता है और उन्हें रोज ट्रेनिंग के लिए एकेडमी छोड़ने जाते है। नेशनल टीम में सिलेक्शन से ठीक पहले नूरी का निकाह हो जाता है और मिताली इंडियन महिला टीम का हिस्सा बन जाती है। फिल्म में मिताली के दमदार क्रिकेट परफॉर्मेंसेज, उनके कैप्टेन के सफर में आई संघर्ष को दर्शाती है। कैसे उनकी क्रिकेट बोर्ड से अनबन होने के बाद भी टीम को आगे लेकर बढ़ती है। फिल्म को मुख्यता इस बात प्रदर्शित किया है पुरुष टीम की तुलना में भारतीय महिला टीम को क्यों बराबर का अधिकार नहीं मिलता है। इन सभी संघर्षों के बीच कैसे मिताली अपनी कैप्टेंसी में क्रिकेट टीम को वर्ल्डकप के लिए तैयार करती है फाइनल पर पहुंचाती है।
श्रीजीत मुखर्जी की फिल्म शाबास मिथु आपको थोड़ी स्लो ज़रूर लग सकती है लेकिन तापसु पन्नू की ज़बरदस्त अदाकारी आपको बंधे रखेगी तापसु ने किस तरह की मेहनत की है वो स्पष्ट तौर पर नज़र आ रहा है। अगर आप रियलस्टिक फिल्म देखने का शोक रखते है और तापसी के फैन है तो ये फिल्म आपको बिलकुल भी निराश नहीं करेगी।
ये है फिल्म की कास्ट
तापसी पन्नू as मिथाली राज,
मुमताज सरकार as झूलन गोस्वामी,
विजय राज as मिथाली कोच,
देवदर्शिनी as मिथाली की माँ,
बृजेंद्र काला,
आर भक्ति क्लेन,
असद अली पालिजो .