Kolkata Durga Puja News: कोलकाता के रेडलाइट एरिया सोनागाछी में रहने वाली सेक्स वर्कर्स ने इस साल दुर्गा प्रतिमा बनाने के लिए मिट्टी देने से इनकार कर दिया है। आपको बता दें कि सेक्स वर्कर्स से मिट्टी लेना एक अहम सांस्कृतिक परंपरा मानी जाती है। आमतौर पर दुर्गा प्रतिमा बनाने के लिए 10 अलग-अलग प्रकार की मिट्टी इस्तेमाल होती है, जिसमें रेडलाइट एरिया की मिट्टी भी शामिल होती है।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) September 20, 2024
इस साल सेक्स वर्कर्स ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर की घटना पर न्याय न मिलने के कारण यह कदम उठाया है। 9 अगस्त की इस घटना ने कोलकाता में व्यापक आक्रोश फैलाया, जिसके बाद से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
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सरकार से नाराज हैं सेक्स वर्कर्स
आपको बता दें कि सेक्स वर्कर्स का कहना है कि जब तक पीड़ित महिला डॉक्टर को न्याय नहीं मिलता, तब तक वे मिट्टी नहीं देंगी। उनका यह विरोध ममता बनर्जी सरकार के प्रति नाराजगी को दर्शाता है, जिससे दुर्गा पूजा के पारंपरिक आयोजन पर भी असर पड़ सकता है। यह विरोध एक बड़ा सांकेतिक कदम है, क्योंकि दुर्गा पूजा बंगाल में साल की सबसे प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होती है। इस परंपरा का टूटना असामान्य होगा।
दुर्गा पूजा पर पड़ रहा असर
इस साल पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना का गहरा असर पड़ रहा है। ममता बनर्जी सरकार द्वारा हर साल दुर्गा पूजा के आयोजन के लिए लोकल क्लबों को 85 हजार रुपए दिए जाते हैं, लेकिन कई क्लबों ने इस बार घटना के विरोध में ये धनराशि लेने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही, स्पॉन्सरशिप में भी भारी कमी आई है जहां हर साल तकरीबन 70-80% स्पॉन्सरशिप मिल जाती थी, इस बार केवल 40-45% ही मिल पाई है।
इकोनॉमी पर आ सकता है संकट
आपको बता दें कि दुर्गा पूजा की 50 हजार करोड़ रुपए की विशाल इकोनॉमी इस साल संकट में है, जो राज्य में 20 लाख लोगों के रोजगार का स्रोत होती है। 9 अक्टूबर से शुरू होने वाली दुर्गा पूजा की तैयारियों पर भी इसका असर देखा जा रहा है। दुर्गोत्सव फोरम कारीगरों, ढाक बजाने वालों, और सोनागाछी की महिलाओं ने बताया है कि इस घटना के कारण पूजा की तैयारियों में उत्साह की कमी है। सोनागाछी की सेक्स वर्कर्स, जो हर साल दुर्गा प्रतिमा के लिए मिट्टी देती थीं, उन्होंने भी इस बार मिट्टी देने से इनकार कर दिया है। यह विरोध दर्शाता है कि समाज के विभिन्न वर्ग इस घटना से कितना आहत हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।