औरंगाबाद। Maharashtra Govt Hospital महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक सरकारी अस्पताल में 24 घंटे की अवधि में 24 मरीजों की मौत का मामला सामने के एक दिन बाद अधिकारियों ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की कि एक और दो अक्टूबर के बीच इसी अस्पताल में सात और मरीजों की मौत हुई। यहां से करीब 280 किलोमीटर दूर स्थित नांदेड़ के जिला सूचना कार्यालय (डीआईओ) ने सोशल मीडिया मंच पर इस बात की पुष्टि की। इसके साथ ही पिछले 48 घंटे में मृतक संख्या बढ़कर 31 हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया बयान
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को कहा कि इससे पहले नांदेड़ में डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में 30 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच 24 मरीजों की मौत की सूचना थी।
इन 24 मरीजों में से 12 नवजात शामिल थे। नांदेड़ डीआईओ ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया, ‘‘डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मरीजों की मौत से जुड़े तथ्य इस प्रकार हैं: 30 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच 24 मौतें; एक से दो अक्टूबर के बीच सात मौतें। कृपया घबराएं नहीं। चिकित्सकों की एक टीम तैयार है।’’
कांग्रेस नेता चव्हाण ने कही बात
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने मंगलवार सुबह माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नांदेड़ के अस्पताल में मौत का सिलसिला लगातार जारी है। सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कल तक (दो अक्टूबर तक) चार बच्चों समेत सात और मरीजों की मौत हुई।’’
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने मांग की, ‘‘राज्य सरकार को इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराना चाहिए।’’ महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुशरिफ मंगलवार को नांदेड़ में जीएमसीएच का दौरा करेंगे। जिले के एक अधिकारी ने बताया कि अस्पताल का दौरा करने के बाद वह संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे।
24 मरीजों की मौत की सूचना
सोमवार को जारी अपने आधिकारिक बयान में नांदेड़ जिला कलेक्ट्रेट ने कहा था कि 30 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच अस्पताल में कुल 24 मरीजों की मौत की सूचना है। बयान में कहा गया है, ‘‘जान गंवाने वाले 12 वयस्कों में से पांच पुरुष और सात महिला मरीज शामिल थीं।
चार वयस्कों को दिल से संबंधित बीमारी थी, एक मरीज किसी अज्ञात विषाक्तता से पीड़ित था। एक मरीज को लीवर संबंधी समस्या थी, दो गुर्दे के मरीज थे और एक मरीज को गर्भावस्था के दौरान की जटिलताएं थीं। दुर्घटना के सात मामले थे।’’
कलेक्ट्रेट ने दिया बयान
कलेक्ट्रेट के बयान के अनुसार, जिन शिशुओं की मौत हुई है, उनमें से चार को आखिरी समय में अस्पताल लाया गया था। इसी तरह के एक मामले में 12 और 13 अगस्त 2023 को 24 घंटे के दौरान ठाणे जिले के कालवा में छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में 18 मरीजों की जान चली गई थी, जिसके बाद विपक्षी दलों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर सवाल उठाया था।