मुंबई। यूक्रेन और रूस के बीच सैन्य तनाव बढ़ने से वैश्विक बाजारों में दिखी घबराहट का असर घरेलू शेयर बाजारों पर भी पड़ा और दोनों प्रमुख सूचकांक मंगलवार को भारी गिरावट के साथ खुले। बीएसई का मानक सूचकांक शुरुआती सत्र में 1,015 अंकों की भारी गिरावट के साथ 56,668.60 अंक पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह एनएसई का निफ्टी भी 285.40 अंकों की फिसलन के साथ 16,921.25 अंक पर कारोबार कर रहा था।
तीस शेयरों के सूचकांक सेंसेक्स में शामिल सभी शेयर नकारात्मक स्तर पर कारोबार कर रहे थे। इन सभी कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘रूस के साथ यूक्रेन का तनाव बढ़ने से पूर्वी यूरोप में संकट गहराने की आशंका पैदा हो गई है। इसका असर वैश्विक बाजारों पर नजर आया। कच्चे तेल एवं सोने के भावों में इसका असर पहले से ही नजर आने लगा है।’ उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के 97 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार करना भारत के लिहाज से काफी चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि तेल आयात बिल बढ़ने से पैदा होने वाले दबाव में रिजर्व बैंक अपने मौद्रिक रुख में बदलाव के लिए बाध्य हो सकता है।
इसके अलावा घरेलू बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों के बिकवाल बने रहने से भी कारोबारी धारणा प्रभावित हो रही है। शेयर बाजार से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को विदेशी निवेशकों ने 2,261.90 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
एशिया के अन्य बाजारों ने अमेरिका के वॉल स्ट्रीट के सोमवार के रुख का ही अनुसरण किया। इसी तरह यूरोपीय बाजारों में भी यूक्रेन संकट के चलते भारी बिकवाली देखी गई।