Metro Project: गुजरात के सांवली बड़ोदरा से 3 कोच की एक और ट्रेन इंदौर आ चुकी है। इसे इंस्टॉलेशन के बाद ट्रैक पर लाया जाएगा। वहीं, भोपाल में जनवरी के दूसरे सप्ताह में दूसरी ट्रेन आएगी।
राजधानी में कुल 27 मेट्रो ट्रेनें ट्रैक पर दौड़ेंगी। कमर्शियल रन से पहले मेट्रो बिना पैसेंजर के 2000Km चलाई जाएगी, ताकि ट्रेन और ट्रैक दोनों का फिटनेस देखा जा सके।
भोपाल में कुल 27 और इंदौर में 25 मेट्रो आएंगी। इनमें 3-3 कोच रहेंगे। इंदौर में अब तक 2 और भोपाल में 1 मेट्रो आ चुकी है। मेट्रो कॉर्पोरेशन के अफसरों ने बताया कि ट्रैक और ट्रेन की फिटनेस जांचने के लिए मेट्रो को कम से कम 2 हजार किलोमीटर चलाया जाता है।
इसलिए सितंबर-अक्टूबर में ट्रायल रन होने के बाद से ही मेट्रो को लगातार ट्रैक पर चलाया जा रहा है।
इंदौर-भोपाल में आ चुके कोच ने लगभग आधी दूरी पूरी कर ली है। बाकी, अप्रैल-मई तक पूरी कर ली जाएगी। ऐसी ही प्रोसेस आने वाले मेट्रो कोच के लिए की जाएगी।
ऑरेंज लाइन में हो चुका ट्रायल रन
3 अक्टूबर को भोपाल में ट्रायल रन किया गया था। 6.22 किलोमीटर की ऑरेंज लाइन में आने वाले 8 स्टेशनों में से पांच स्टेशन-सुभाषनगर, केंद्रीय स्कूल, डीबी मॉल, एमपी नगर और रानी कमलापति स्टेशन के बीच ट्रायल रन हुआ था। इसके बाद से ही ट्रेन को ट्रैक पर दौड़ाया जा रहा है।
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मेट्रो स्टेशनों पर फोकस
मई-जून 2024 में मेट्रो को आम लोगों के लिए चलाने का टारगेट है। इसलिए मेट्रो के बाकी बचे कामों पर फोकस किया जा रहा है। खासकर अलकापुरी, एम्स और डीआरएम ऑफिस के स्टेशनों के काम में तेजी लाई गई है।
वहीं, सुभाषनगर, डीबी मॉल के सामने, एमपी नगर, रानी कमलापति और केंद्रीय स्कूल स्टेशनों पर सिविल वर्क पूरे होने के बाद फिनिशिंग वर्क भी पूरे किए जा रहे हैं। डीबी मॉल, केंद्रीय स्कूल और एमपी नगर स्टेशनों पर शेड का काम भी हो रहा है।
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