Bilaspur High Court News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज क्षेत्र से गुजरने वाले नेशनल हाईवे 343 (NH 343 Chhattisgarh) की हालत भारी वाहनों की वजह से बेहद खराब हो चुकी है। लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं (Road Accidents on NH 343) को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस पर स्वत: संज्ञान (Suo Moto Cognizance) लेते हुए NTPC और SECL को कठघरे में खड़ा किया है।
SECL और NTPC की जिम्मेदारी तय, कोर्ट को जवाब नहीं आया पसंद
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दोनों कंपनियों से शपथ पत्र (Affidavit by SECL & NTPC) में जवाब मांगा था कि सड़क हादसों और डस्ट पॉल्यूशन (Coal Dust Pollution) पर उन्होंने क्या कदम उठाए हैं। आज पेश किए गए जवाबों से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और दोनों को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने साफ कहा कि सिर्फ कोयला उत्पादन (Coal Production) करना आपकी जिम्मेदारी नहीं है, ट्रांसपोर्टेशन से हो रहे नुकसान की जिम्मेदारी भी आप पर ही है।
चीफ जस्टिस की नाराजगी
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा (Chief Justice Ramesh Sinha) ने SECL के रवैये पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि आप कहें हम कोयला बेचते हैं, बाकी उसका ट्रांसपोर्टेशन हमारे जिम्मे नहीं है (SECL Coal Transportation Issue)। यह तो वैसा हो गया जैसे शराब बेचने वाला कहे कि पीने वाला जाने।
सड़कों पर गड्ढे, कीचड़ और धूल
चीफ जस्टिस ने कहा कि बरसात के मौसम में खराब सड़कों (Damaged Roads in Rainy Season) और कोल डस्ट से जनता की जान सांसत में है। 5 किलोमीटर में 25 से ज्यादा गड्ढे हैं। कई लोग अस्थमा, स्किन डिज़ीज़ और हादसों (Accidents due to Heavy Vehicles) के शिकार हो रहे हैं। “हम खुद ट्रैवल करते हैं, हालत देख सकते हैं,” कोर्ट ने कहा।
SECL की जवाबदेही तय, नए एफिडेविट की मांग
कोर्ट (Bilaspur High Court) ने दो टूक कहा कि केवल ट्रांसपोर्टर पर दोष मढ़कर आप अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। चीफ जस्टिस ने निर्देश दिए कि हर कोयला ट्रक को पूरी तरह ढंका (Covered Coal Trucks Only) होना चाहिए। यदि कोल ओपन ट्रांसपोर्ट किया जा रहा है, तो ट्रांसपोर्टर का एग्रीमेंट और रजिस्ट्रेशन रद्द (Coal Transport Regulation in Chhattisgarh) कर दिया जाए।
जनहित को सर्वोपरि मानते हुए कोर्ट की सख्ती
कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि कोई भी उद्योग नागरिकों की जिंदगी को संकट में डालकर नहीं चल सकता। चाहे SECL हो, NTPC या कोई और। सभी को पर्यावरण और जनस्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेनी ही होगी। (Environment and Public Health Accountability)
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कोर्ट ने दिखाई राह, अब जिम्मेदारियों से बचना आसान नहीं
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने यह संदेश साफ दे दिया है कि जनता की सुरक्षा और सड़कों की हालत से समझौता नहीं किया जाएगा। भारी वाहनों की अंधाधुंध आवाजाही अब जवाबदेही के दायरे में है। आने वाले दिनों में कोल ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था में सुधार की उम्मीद (High Court Strict on Industrial Pollution and Transport Damage) की जा रही है।
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