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नयी दिल्ली, छह जनवरी (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को शेयर बाजार और डिपोजिटरी जैसी बाजार अवसंरचना स्थापित करने को लेकर नई इकाइयों के लिये चीजों को आसान बनाने के लिये पहल की है। इसके तहत बाजार के बुनियादी ढांचा संस्थानों के मालिकाना हक के लिये नई रूपरेखा का प्रस्ताव किया गया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने परिचर्चा पत्र में बाजार अवसंरचना संस्थानों (एमआईआई) के संदर्भ में व्यवस्था को उदार बनाने का सुझाव दिया। इसके तहत शुरूआती चरण में अधिक हिस्सेदारी और एक अवधि के बाद मालिकाना हक में कमी की अनुमति देने की बात कही गयी है।
इसमें एमआईआई यानी शेयर बाजार, डिपोजिटरीज और समाशोधन निगम के प्रबंध निदेशक और सीईओ के कार्यकाल से संबंधित नियमों का भी प्रस्ताव किया गया है।
इसके अलावा सेबी ने कंपनी संचालन नियम को सुदृढ़ करने के लिये एमआईआई के सांविधिक समितियों को व्यापक बनाने की भी सिफारिश की है।
नियामक ने यह भी कहा है कि वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इसके लिये भारतीय एमआईआई खंड में उनके प्रवेश के लिये मालिकाना हक रूपरेखा में उपयुक्त छूट देने का प्रस्ताव किया गया है।
परिचर्चा पत्र में प्रस्ताव किया गया है कि प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से, व्यक्तिगत या अन्य लोगों के साथ मिलकर एमआईआई गठित करने वाले प्रवर्तक...निवासी व्यक्ति, घरेलू संस्थान (निवासी के स्वामित्व और नियंत्रण वाला)...100 प्रतिशत हिस्सेदारी रख सकते हैं।
विदेशी इकाइयों के मामले में इसके 49 प्रतिशत रखने का प्रस्ताव किया गया है।
सेबी ने परिचर्चा पत्र पर लोगों से पांच फरवरी तक अपनी राय देने को कहा है।
भाषा
रमण महाबीर
महाबीर
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