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Conjunctivitis: ‘कंजंक्टिवाइटिस’ फैलने के बाद लोंगडिंग जिले में स्कूल बंद, ऐसे करें संक्रमण से बचाव

ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश में जिला प्रशासन ने आंखों में संक्रमण की बीमारी ‘कंजंक्टिवाइटिस’ फैलने के बाद स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है।

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Conjunctivitis: ‘कंजंक्टिवाइटिस’ फैलने के बाद लोंगडिंग जिले में स्कूल बंद, ऐसे करें संक्रमण से बचाव

ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश में लोंगडिंग जिला प्रशासन ने आंखों में संक्रमण की बीमारी ‘कंजंक्टिवाइटिस’ फैलने के बाद कनुबारी उप-मंडल में स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया है।

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लोंगडिंग के उपायुक्त (डीसी) बानी लेगो ने एक परिपत्र में कहा कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कनुबारी और लॉनू शैक्षिक विकासखंड के तहत आने वाले सभी स्कूलों के प्रमुखों को 29 जुलाई तक अपने संबंधित संस्थानों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्देश

दिया जाता है ताकि बीमारी की श्रृंखला को तोड़ा जा सके।डीसी ने परिपत्र में बताया कि डॉक्टरों के अनुसार यह बीमारी अत्यधिक संक्रामक है और एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में फैल सकती है।

कंजंक्टिवाइटिस विभिन्न वायरस के कारण होने वाला नेत्र संक्रमण है। इस रोग के कारण आंखों में लालिमा, खुजली, जलन होती है, आंसू आते हैं और किरकिरापन महसूस होता है। यह संक्रमण किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों के स्राव, दूषित वस्तुओं या श्वसन बूंदों के प्रत्यक्ष

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या अप्रत्यक्ष संपर्क से आसानी से फैल सकता है।

स्कूलों को बंद करने का लिया गया फैसला 

स्वास्थ्य अधिकारियों ने बीमारी को और फैलने से रोकने के लिए बार-बार हाथ धोने, आंखों को छूने से बचने, व्यक्तिगत स्वच्छता, सतहों को कीटाणुरहित करने और संक्रमित व्यक्तियों को उनके ठीक होते तक अलग करने की सलाह दी है।इस बीच, लोंगडिंग डीडीएसई ताजे

जिलेन ने बताया कि स्कूलों को बंद करने संबंधी परिपत्र कनुबारी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) की रिपोर्ट के बाद जारी किया गया है।

उन्होंने बताया ‘‘हमारे पास यह आंकड़ा नहीं है कि कितने छात्र इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं।’’एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, वेस्ट सियांग जिले के कई स्कूलों में भी कंजंक्टिवाइटिस फैलने की खबर है।

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आइए जानते हैं इसके लक्षण और कारण

कंजक्टिवाइटिस आंखों का एक संक्रमण है। जिसे आमतौर पर पिंक आई के नाम से भी जाना जाता है। यह वायरस जनित संक्रामक रोग है। प्रमुख रूप से आंखों का लाल होना, जलन, खुजली और आंख से लगातार आंसू निकलना, साफ या पीला स्राव बहना, पलकें आपस में चिपक जाना, पलक में सूजन होना आदि प्रमुख लक्षण है।

कंजंक्टिवाइटिस के ठीक होने में लगता है छह सप्ताह

सामान्य रूप से कंजक्टिवाइटिस के ठीक होने एक से छह सप्ताह का वक्त लगता है। आमतौर पर यह अपने आप ठीक हो जाता है। संक्रमित व्यक्ति कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। जिसमें अपनी आंखों को छूने या पोंछने से परहेज करें। हाथ धोने के बाद ही किसी दूसरे व्यक्ति को छुएं।

ऐसे फैलता है संक्रमण

आंखों से निकलने वाला आंसू से संक्रमण होता है। वहीं, किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले आंसुओं के संपर्क में आने और फिर अपनी आंखों को छूने से लोगों में संक्रमण होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। इसके अलावा सर्दी व खांसी के दौरान छींकने से भी संक्रमण फैल सकता है।

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