Supreme Court Order in Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों पर बनें मंदिर, मस्जिद और दरगाह जैसे अन्य दूसरे धार्मिक स्थलों को हटाने के मामले में सख्त टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोज़र मामले कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष देश में रहते हैं और हमारे निर्देश सभी लोगों के लिए हैं चाहे वे किसी भी धर्म या समुदाय का हो.
कोर्ट ने आगे कहा कि भले ही पब्लिक प्लेस पर अतिक्रमण के लिए हमने कहा है कि अगर सड़क फूटपाथ या किसी भी तरह की जल निकासी या रेलवे लाइन वाला इलाका है तो वहां पर धार्मिक संरचना बाधा नहीं बन सकती हैं.
बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, आरोपी हो या दोषी घर नहीं तोड़ सकते: SC#SupremeCourt #SupremeCourtOfIndia #buldozeraction #demolishhouses pic.twitter.com/98BbjbIdvu
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) October 1, 2024
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“जनता की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण”
सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने यह स्पष्ट किया कि चाहे वह मंदिर हो, दरगाह हो, या कोई अन्य धार्मिक स्थल, जब जनता की सुरक्षा का मामला हो और वह स्थान सार्वजनिक क्षेत्र में हो, तो उसे हटाना आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि जनता की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। सुनवाई के दौरान जस्टिस केवी विश्वनाथन ने यह भी कहा कि यदि दो संरचनाएं उल्लंघन (Bulldozer Action Case) कर रही हैं और केवल एक के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, तो यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाता है.
Hearing in Supreme Court on the matter relating to bulldozer practice | Supreme Court reserves order on the issue of framing pan-India guidelines relating to demolition drive. Supreme Court extends interim order for not demolishing any property without permission, till further… pic.twitter.com/ZR6CzQXF35
— ANI (@ANI) October 1, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 17 जुलाई को दिया (Supreme Court News) अंतरिम आदेश जारी रहेगा. यानि देश भर में लोगों की निजी संपति को बुलडोजर कार्रवाई से ढहाए जाने पर रोक जारी रहेंगी. साथ ही अगर अतिक्रमण सड़क, फुटपाथ या रेलवे लाइन पर है तो उसे हटाने पर किसी तरह की पाबंदी नहीं रहेगी.
महिलाएं और बच्चों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था
सुनवाई के दौरान (Bulldozer Action Case Hearing) जस्टिस विश्वनाथन ने यह स्पष्ट किया कि भले ही निर्माण कार्य को अधिकृत नहीं किया गया हो, लेकिन महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को सड़कों पर देखना उचित नहीं है.
उन्होंने सुझाव दिया कि यदि उन्हें पर्याप्त समय दिया जाए, तो वे एक वैकल्पिक व्यवस्था कर सकते हैं. इस दौरान, कोर्ट ने यह भी कहा कि देशभर में तोड़फोड़ पर फिलहाल अंतरिम रोक जारी रहेगी।