हाइलाइट्स
- SBI तानसेन शाखा में ग्राहकों के साथ ठगी
- EOW ने 1.68 करोड़ का हेराफेरी का केस दर्ज किया
- दो एसोसिएट मैनेजर और तीन अफसरों पर FIR
Gwalior News: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में SBI (भारतीय स्टेट बैंक) के कर्मचारियों ने ग्राहकों के साथ हेराफेरी कर दी। ग्राहक विश्वास में खातों में पैसा जमा करते रहे, लेकिन कर्मचारी खेला करते रहे। जब ग्राहकों को जमा रकम में बड़ा अंतर समझ आया,तो इस मामले का खुलासा हुआ। इस दौरान बैंक कर्मियों ने एक करोड़ 68 लाख, तीन हजार रुपए का घोटाला कर दिया। अब बैंक के पांच अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई है। पूरे मामले की जांच EOW कर रही है।
यह पूरा मामला मध्यप्रदेश के ग्वालियर की तानसेन रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक की इंडस्ट्रीयल इस्टेट शाखा से जुड़ा है। बैंक के अधिकारी- कर्मचारियों ने म्युचुअल फंड और SBI लाइफ में निवेश के नाम पर ग्राहकों से 1.68 करोड़ की ठगी कर दी।
शिकायत के मुताबिक बैंक के दो तात्कालीन मैनेजर, बैंक सिक्योरिटी की महिलाकर्मी और एसबीआई लाइफ के कर्मचारी समेत पांच लोगों का पर ठगी का केस दर्ज हुआ है। ये अधिकारी और कर्मचारी 4 साल तक खातों में हेराफेरी करते रहे।
ग्राहकों के साथ 1.68 करोड़ की ठगी हुई
अब ईओडब्ल्यू भोपाल ने इन पांच अधिकारियों और कर्मचारियों पर केस दर्ज कर जांच ग्वालियर EOW विंग को सौंपी है। एसबीआई के रीजनल मैनेजर अरविंद मिश्रा ने ईओडब्ल्यू भोपाल को शिकायत में बताया, एसबीआई की इंडस्ट्रीयल एस्टेट तानसेन नगर (हजीरा) ब्रांच में ग्राहकों से 1.68 करोड़ की ठगी हुई है।
इन पर हुआ केस
- वरुण पाराशर और वीजेंद्र सिंह बैस (बैंक के तत्कालीन सीनियर एसोसिएट मैनेजर )
- सोनम शेजवार (सिक्योरिटी कर्मचारी)
- शरद टंडन (रिटायर्ड कर्मचारी) और
- तेजन अग्रवाल (एसबीआई लाइफ का कर्मचारी)।
पीड़ित ग्राहकों की गिनती बढ़ेगी
इंस्पेक्टर पारुल चंदेल का कहना है एसबीआई के पांच अधिकारी, कर्मचारियों पर धोखेबाजी का केस दर्ज हुआ है। अभी सिर्फ पांच, छह बैंक खातों की जानकारी मिली है। इनमें ग्राहकों का पैसा जमा हुआ है। जांच शुरू होने पर फरेब की रकम और पीड़ितों की गिनती बढ़ सकती है।
ग्वालियर EOW एसपी तोमर ने क्या कहा ?
ग्वालियर ईओडब्ल्यू एसपी दिलीप सिंह तोमर ने कहा कि हैड ऑफिस में केस दर्ज किया गया है। बैंक ने इंटरनल जांच के बाद ईओडब्ल्यू के भोपाल मुख्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। अब जांच ईओडब्ल्यू की ग्वालियर विंग को सौंपी गई है।
ग्राहकों का पैसा रिश्तेदारों के खातों में जमा किया
शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि इन अधिकारी और कर्मचारी ने निवेश के नाम पर ग्राहकों से पैसा लिया और निवेशकों को फर्जी रसीदें थमाईं। ग्राहकों से वसूला पैसा यह लोग अपने और रिश्तेदारों के बैंक खातों में जमा करते रहे।
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2020 से 2024 तक चला ठगी
रीजनल मैनेजर मिश्रा ने शिकायत में बताया ठगी का खेल बैंक में चार साल (2020 से 2024 ) तक चलता रहा। शुरू में तो निवेशकों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। अब कुछ लोगों ने निवेश की जानकारी मांगी तब उन्हें ठगी का पता चला। पीड़ित लोगों ने शिकायतें कीं हैं। इस पर बैंक ने इंटरनल जांच की। उसमें बैंक के चारों अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई।
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