Sawan Shivratri 2024: सावन का खास महीना चल रहा है। शिव भक्त भोलेनाथ को खुश करने में लगे हैं।
ऐसे में सावन माह (Sawan 2024) की शिव चतुर्दशी (Shiv Chaturdashi 2024) यानी शिवरात्रि इसे बेहद खास बना रही है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस दिन ऐसे खास योग बन रहे हैं तो भोलेनाथ को बेहद प्रिय हैं। तो चलिए जानते हैं कौन से हैं वे विशेष योग (Sawan Shiv chaturdashi vishesh yog 2024) ।
सावन शिवरात्रि या चतुर्दशी पर बन रहे हैं ये खास योग
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार इस बार 2 अगस्त को आ रही सावन शिवरात्रि पर खास योग बन रहे हैं जिन्हें शिवपुराण (Shiv Puran ke Upay) में बेहद महत्वपूर्ण बताया गया है।
सावन चतुर्दशी पर आद्रा नक्षत्र का खास योग
शिव पुराण में उल्लेख है कि यदि सावन के महीने में आने वाली शिव चतुर्दशी पर आद्रा नक्षत्र (Ardra Nakshatra) पड़े यानी अगर आद्रा नक्षत्र में शिव चतुर्दशी आए तो ये योग बेहद खास माने जाते हैं। इसमें किए गए पूजन और जाप से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन आद्रा नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी आ रहा है।
कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी क्यों है खास
पुराणों और ग्रथों के अनुसार फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष में आने वाले चतुर्दशी सबसे खास होती है। यही कारण है कि सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी भी बेहद खास मानी जा रही है। ज्योतिषाचार्य पंडित शास्त्री जी के अनरुसार हर चौदस को चतुर्दशी कहते हैं।
शिव पुराण में बताए हैं ये उपाय
हिन्दू धर्म ग्रंथ शिव पुराण में शिव जी की वर्णन है। इसमें बताया गया है कि यदि आद्रा नक्षत्र से युक्त शिव चतुर्दशी को भगवान भोले नाथ का प्रणव यानी ॐ से जाप किया जाए तो व्यक्ति को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
शिव जी को प्रिय हैं ये तीन दिन
देवों के देव महादेव को प्रदोष, सोमवार और शिव चतुर्दशी बहुत प्रिय है। यही कारण है कि इस दिन के व्रत करने से भक्त को शिवजी की कृपा प्राप्त होती है।
शिव चतुर्दशी या सावन शिवरात्रि कब है
हिन्दू पंचांग के अनुसार 2 अगस्त को दोपहर 3:11 मिनट तक त्रयोदशी तिथि रहेगी। इसके बाद से चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ होगा। चूंकि चतुर्दशी तिथि शिवजी की तिथि है। शिवसाधना रात्रिकालीन और प्रदोष काल से जुड़ी होती है इसलिए चतुर्दशी तिथि या सावन शिवरात्रि 2 अगस्त को मनाई जाएगी। जो पूरी रात रहेगी।
इस बार का सावन है खास
ज्योतिषाचार्य की मानें तो इस बार का सावन बेहद खास योग लेकर आया है। क्योंकि सोमवार के दिन, श्रावण नक्षत्र से सावन के महीने की शुरुआत हुई है इसी से इसका अंत होगा।
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