उज्जैन। जिला प्रशासन ने Sawan 2021 एक साल से भी ज्यादा हो चुका है भस्मारती के दौरान किसी भी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस वर्ष भी कोरोना की तीसरी लहर के खौफ के कारण प्रवेश नहीं दिया गया ,सिर्फ महाकाल मंदिर के पुजारियों व महाकाल मंदिर के कर्मचारियों को को भस्मारती में प्रवेश की अनुमति दी गई है। भस्मारती के श्रद्धालुओं को महाकाल मंदिर में प्रवेश दिया गया, श्रावण मास के इस महीने में बड़ी संख्या में श्रदालु बाबा महाकाल के दर पर पहुंचते है।
शहद व फलो के रसों से अभिषेक हुआ
श्रावण मास भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय माह माना गया है। मान्यता है की श्रावण माह में शिव आराधना करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। श्रावण के पहले के दिन आज मंदिर में बाबा महाकाल की विशेष भस्मारती की गई। भस्मारती के पहले बाबा को जल से नहलाकर महा पंचामृत अभिषेक किया गया जिसमे दूध ,दही ,घी ,शहद व फलो के रसों से अभिषेक हुआ।
भक्तों का तांता लगा हुआ है
अभिषेक के बाद भांग और चन्दन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रंगार किया गया और भगवान को वस्त्र धारण कराए गए। तत्पशचात बाबा को भस्म चढाई गई। बाद में झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्म आरती की गई। वहीं महाकाल मन्दिर के बहार भक्तों का तांता लगा हुआ है। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत रजिस्ट्रेशन व टीकाकरण महाकाल मंदिर में प्रवेश की अनुमति प्रशासन द्वारा दी गई है।