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हाइलाइट्स
सतना में दो बहनों की सर्पदंश से मौत
हर साल 2500 से ज्यादा मौतें MP में
जानें जहरीले सांप और बचाव के उपाय
Snake Bite in MP: मध्यप्रदेश में सांप का काटना (Snake Bite) केवल ग्रामीण इलाकों तक सीमित समस्या नहीं रह गया है। हाल ही में सतना जिले के एक जमींदार परिवार की दो सगी बेटियों 10 वर्षीय सपना और 17 वर्षीय निशा की 24 घंटे के भीतर करैत सांप (Krait) के डसने से मौत हो गई। यह घटना न केवल किसी परिवार के लिए असहनीय दुख है, बल्कि प्रदेश में हर साल हो रही हजारों मौतों की भयावह तस्वीर भी सामने लाती है। प्रदेश में बीते महीने ऐसी कई घटनाएं दर्ज की चुकी हैं। ऐसे में सांप काटने से हुईं मौतों के सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो...
हर साल ढाई हजार लोगों की मौत
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि मध्यप्रदेश में हर साल लगभग 2,500 से ज्यादा लोग सर्पदंश की वजह से जान गंवाते हैं। इतना ही नहीं, राज्य सरकार को हर पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपए का मुआवजा भी देना पड़ता है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो...
| साल | अनुमानित मौतें | स्रोत |
|---|---|---|
| 2024-2025 (सालाना) | 58,000 | ग्लोबल स्नेकबाइट टास्कफोर्स/अंतरराष्ट्रीय आकलन। भारत वैश्विक मौतों का लगभग आधा हिस्सा। |
| 2023 (कर्नाटक राज्य) | 19 | राज्य स्तर पर नोटिफिएबल डिजीज के बाद रिपोर्टेड; 2024 के पहले 6 महीनों में 36 मौतें। |
| 2022 (मध्य प्रदेश) | 2,487 | राज्य स्तर पर सबसे अधिक मौतें। |
| 2000-2019 (कुल) | 12 लाख | मिलियन डेथ स्टडी के अनुसार, 70% मौतें 8 राज्यों (बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, गुजरात) में। |
ऐसें में सवाल ये उठता है कि देश में और मध्यप्रदेश में कितने तरह के जहरीले सांप मुख्य रूप से पाए जाते हैं। अगर कभी सर्पदंश जैसी घटना हो, तो हम कैसे उसका बचाव कर सकते हैं।
पहले सतना की घटना जान लीजिए
सतना जिले की घटना ने यह साबित कर दिया कि अस्पताल पहुंचने में थोड़ी भी देरी मौत का कारण बन सकती है। सपना और निशा को करैत सांप ने रात में काटा। चूंकि करैत के काटने पर दर्द महसूस नहीं होता, इसलिए परिवार को तुरंत स्थिति की गंभीरता का अंदाजा नहीं लगा। जब तक बच्चियों को अस्पताल ले जाया गया, तब तक उनकी हालत बिगड़ चुकी थी।
उनका इलाज करने वाले डॉक्टर का कहना है कि यदि समय पर दोनों को अस्पताल लाया जाता तो उनकी जान बच सकती थी। यही वजह है कि विशेषज्ञ बार-बार चेतावनी देते हैं कि झाड़-फूंक या देसी इलाज में समय न गंवाएं, सीधे अस्पताल पहुंचें।
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सांप के काटने से सपना और निशा की मौत हो गई।[/caption]
भारत में पाए जाने वाले प्रमुख जहरीले सांप
भारत में करीब 300 प्रजातियां सांपों की पाई जाती हैं, लेकिन इनमें से कुछ को सबसे ज्यादा घातक माना जाता है। इनमें से चार मुख्य रूप से बहुत विषैले होते हैं, जिन्हें बिग फोर स्नेक्स (Big Four Snakes) भी कहा जाता है।
इंडियन कोबरा- फन फैलाने वाला सांप
इंडियन कोबरा (Indian Cobra) को लोग नाग के नाम से जानते हैं। इसकी पहचान इसके फन से होती है, जिस पर अक्सर चश्मे के आकार का निशान दिखाई देता है। इसका जहर न्यूरोटॉक्सिक (Neurotoxic) होता है, जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। कोबरा के काटने से सांस लेने में कठिनाई और लकवा जैसी स्थिति बन जाती है।
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इंडियन कोबरा।[/caption]
कॉमन करैत- चुपके से काटने वाला सांप
कॉमन करैत (Common Krait) भारत के सबसे खतरनाक सांपों में गिना जाता है। इसका शरीर चमकदार काला या नीला होता है जिस पर पतली सफेद धारियां होती हैं। यह शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिक जहर छोड़ता है। खास बात यह है कि करैत ज्यादातर रात में सोते हुए लोगों को काटता है और चूंकि इसके काटने पर दर्द नहीं होता, लोग समय पर पहचान नहीं पाते। यही कारण है कि यह सांप सबसे ज्यादा मौतों का कारण बनता है।
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कॉमन करैत।[/caption]
रसेल वाइपर- खून को जमने से रोकने वाला सांप
रसेल वाइपर (Russell Viper) मोटे शरीर वाला सांप है, जिसके भूरे रंग पर गोल पैटर्न बने होते हैं। इसका जहर हेमोटॉक्सिक (Hemotoxic) होता है, जो खून और अंगों को नुकसान पहुंचाता है। इसके काटने पर अत्यधिक खून बहना, गुर्दे खराब होना और शरीर में सूजन जैसी समस्याएं होती हैं। ग्रामीण इलाकों में इस सांप के काटने के मामले अक्सर सामने आते हैं।
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रसेल वाइपर।[/caption]
सॉ स्केल्ड वाइपर- छोटा मगर बेहद खतरनाक
सॉ स्केल्ड वाइपर (Saw Scaled Viper) आकार में छोटा होता है लेकिन बेहद जहरीला। इसकी पहचान इसकी खुरदुरी चमड़ी और खतरे की स्थिति में निकलने वाली सिसकारी आवाज से होती है। यह हेमोटॉक्सिक जहर छोड़ता है। इसके काटने पर तेज दर्द होता है और खून जमने की प्रक्रिया बाधित हो जाती है, जिससे आंतरिक रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है।
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सॉ स्केल्ड वाइपर।[/caption]
अन्य सांपों की प्रजातियां जो जहरीली हैं...
किंग कोबरा- सबसे लंबा जहरीला सांप
किंग कोबरा (King Cobra) दुनिया का सबसे लंबा जहरीला सांप है, जिसकी लंबाई 15 से 18 फीट तक हो सकती है। इसका सिर चौड़ा और शरीर पर हल्के भूरे से गहरे हरे रंग की धारियां होती हैं। यह न्यूरोटॉक्सिक जहर छोड़ता है, जो सीधे स्नायु तंत्र पर असर करता है। इसके काटने पर लकवा और सांस रुकने जैसी स्थिति बन सकती है। यह सांप एक बार में बड़ी मात्रा में जहर छोड़ने की क्षमता रखता है।
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किंग कोबरा।[/caption]
बैंडेड करैत- रंग-बिरंगी धारियों वाला सांप
बैंडेड करैत (Banded Krait) अपनी काले और पीले रंग की चौड़ी धारियों से पहचाना जाता है। यह भी न्यूरोटॉक्सिक जहर वाला सांप है। काटने पर शुरुआत में मरीज को हल्की कमजोरी लगती है, लेकिन धीरे-धीरे पूरे शरीर पर नियंत्रण खत्म हो जाता है। बिना इलाज के यह स्थिति मौत तक ले जा सकती है। यह सांप भी अधिकतर रात में सक्रिय रहता है।
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बैंडेड करैत।[/caption]
सांप के जहर का असर कैसे होता है
सांप का जहर मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है। पहला न्यूरोटॉक्सिक और दूसरा हेमोटॉक्सिक।
न्यूरोटॉक्सिक की बात करें तो यह जहर तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और लकवा, सांस लेने में कठिनाई जैसी स्थिति पैदा करता है। वहीं, हेमोटॉक्सिक जहर खून के थक्के बनने की प्रक्रिया को बाधित करता है और आंतरिक रक्तस्राव के साथ अंगों को नुकसान पहुंचाता है।
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वाइपर का जहर रक्तस्राव और अंगों के खराब होने का कारण बनता है, जबकि कोबरा और करैत का जहर तंत्रिका तंत्र को निष्क्रिय कर देता है। यही वजह है कि सर्पदंश के तुरंत बाद इलाज जरूरी है।
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न्यूरोटॉक्सिक जहर तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और हेमोटॉक्सिक जहर खून के थक्के बनने की प्रक्रिया को बाधित करता है।[/caption]
सांप काटने पर क्या करना चाहिए
- मरीज को शांत रखें और हिलने-डुलने न दें।
- काटे गए स्थान को साबुन और पानी से साफ करें।
- पहले एक घंटे को गोल्डन आवर (Golden Hour) मानें। इस दौरान सही इलाज मिलने पर जान बच सकती है।
- तुरंत नजदीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें।
- यदि संभव हो तो सांप का रंग और आकार याद रखें, लेकिन पकड़ने की कोशिश न करें।
- मरीज को आरामदायक स्थिति में रखें और काटे गए अंग को दिल के स्तर पर स्थिर रखें।
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स्नेक बाइट।[/caption]
सांप काटने पर यह बिल्कुल न करें
- रस्सी, कपड़ा या बेल्ट कसकर न बांधें, इससे रक्त प्रवाह रुक सकता है और गैंग्रीन (Gangrene) हो सकता है।
- काटे गए स्थान को चाकू से न काटें और न ही जहर चूसने की कोशिश करें।
- झाड़-फूंक, टोने-टोटके में समय न गंवाएं।
- शराब, कॉफी या अन्य उत्तेजक पेय न दें।
- मरीज को दौड़ने या ज्यादा चलने न दें।
फिर क्या है समाधान
विशेषज्ञों का मानना है कि सर्पदंश से होने वाली मौतों को कम करने के लिए सरकार को दो मोर्चों पर काम करना होगा। पहला, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाना ताकि लोग झाड़-फूंक से दूर रहें और सीधे अस्पताल पहुंचें। दूसरा, सभी सीएचसी (CHC) और पीएचसी (PHC) में एंटी स्नेक वेनम (Anti Snake Venom) की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना होगा।
FAQs
Q. भारत में सबसे ज्यादा खतरनाक सांप कौन-कौन से हैं?
भारत में करीब 300 प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं, लेकिन इनमें से छह सांप इंसानों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक माने जाते हैं। इन्हें बिग फोर स्नेक्स (Big Four Snakes) और अन्य विषैले सांपों के रूप में जाना जाता है। इनमें इंडियन कोबरा, कॉमन करैत, रसेल वाइपर, सॉ स्केल्ड वाइपर, किंग कोबरा और बैंडेड करैत शामिल हैं। इनका जहर न्यूरोटॉक्सिक और हेमोटॉक्सिक होता है, जो इंसान की जान ले सकता है।
Q. सांप के काटने पर सबसे पहला कदम क्या होना चाहिए?
सांप के काटने पर सबसे जरूरी है मरीज को शांत रखना और उसे ज्यादा हिलने-डुलने से रोकना। काटे गए हिस्से को साबुन और पानी से साफ करें, लेकिन कसकर बांधें नहीं। मरीज को तुरंत नजदीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं, क्योंकि वहां एंटी स्नेक वेनम (Anti Snake Venom) उपलब्ध होता है। पहला एक घंटा यानी गोल्डन आवर बहुत महत्वपूर्ण है, इस दौरान सही इलाज मिलने पर मरीज की जान बच सकती है।
Q. सांप के काटने पर क्या बिल्कुल नहीं करना चाहिए?
अक्सर लोग घबराकर गलत कदम उठा लेते हैं। काटे गए हिस्से को रस्सी, कपड़े या बेल्ट से कसकर न बांधें, इससे खून का प्रवाह रुक सकता है और गैंग्रीन का खतरा होता है। न ही चाकू से काटें और न ही जहर चूसने की कोशिश करें। झाड़-फूंक, टोने-टोटके या देसी इलाज में समय बर्बाद न करें। शराब, कॉफी या अन्य उत्तेजक पेय न दें। सबसे बड़ा नियम है कि मरीज को आराम दें और तुरंत अस्पताल पहुंचाएं।
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