हाइलाइट्स
- थाने में बदमाश की गोली से घायल हुए थे हेड कॉन्स्टेबल प्रिंस
- दिल्ली में 11 दिन चला इलाज, राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार
- पुलिस महकमे में शोक की लहर
MP News: मध्य प्रदेश के सतना में सिरफिरे बदमाश की गोली से थाने में घायल हुए हेड कॉन्स्टेबल प्रिंस गर्ग जिंदगी की जंग हार गए। प्रिंस ने शुक्रवार, 9 मई को दिल्ली में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। उन्होंने 11 दिन मौत से जंग लड़ी। शनिवार, 10 मई को सुबह हेड कॉन्स्टेबल प्रिंस का महदेवा मुक्तिधाम में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। प्रिंस के चचेरे छोटे भाई कपिल गर्ग ने उन्हें मुखाग्नि दी।
गार्ड ऑफ ऑनर के साथ दी अंतिम विदाई
हेड कॉन्स्टेबल प्रिंस की अंतिम यात्रा में सतना कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार, एसएसपी आशुतोष गुप्ता, एएसपी शिवेश सिंह, नगर पुलिस अधीक्षक, आरआई देविका सिंह, जिले के तमाम थाना प्रभारियों के साथ साथ सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी और बड़ी संख्या में शहरवासी शामिल हुए। साथी जवानों ने उन्हें कंधा दिया और पुलिस विभाग की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए सलामी दी गई।

प्रिंस के परिवार में पत्नी, दो मासूम बच्चे
प्रिंस गर्ग ने अपनी पत्नी, 8 साल के बेटे और 6 साल की बेटी को पीछे छोड़ा है। वे अपने माता-पिता अवध बिहारी गर्ग और मालती देवी के इकलौते बेटे थे। बेटे की शहादत ने जैसे उनके माता-पिता के बुढ़ापे का सहारा छीन लिया। मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया चला गया। उनकी आंखों में आंसू, डरी हुई नजरें और घर में फैला सन्नाटा हर किसी का दिल तोड़ने वाला था।
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11 दिन लड़ी जिंदगी की जंग
पिछले महीने की 28-29 अप्रैल की रात की एक घटना है, जब आरोपी अच्छू शर्मा ने थाना परिसर के बैरक में घुसकर प्रिंस गर्ग को गोली मार दी। बदमाश ने उस समय हमला किया जब वे खाना खा रहे थे। गोली कॉलर बोन के नीचे से आर-पार हो गई। पहले उन्हें जिला अस्पताल सतना में भर्ती कराया गया, फिर मेडिकल कॉलेज रीवा और अंत में 7 मई को हालत बिगड़ने पर एयरलिफ्ट करके दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल ले जाया गया। लगातार कोशिशों के बावजूद 9 मई को सुबह 8 बजे उनकी मौत हो गई।
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Bhopal News: मां की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत के बाद अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है। अमेरिका में रहने वाला बेटा थोड़ी देर पहले ही भोपाल पहुंचा है। सभी गमजदा रिश्तेदार, दोस्त और स्कूल का स्टाफ अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आसाराम नगर बागमुगालिया में इकट्ठा हुए हैं। थोड़ी देर बाद परिजनों ने हैरानी से चिल्लाते हुए कहा, ‘हे राम, यह मेरी मां नहीं है। यह तो किसी और का शव है।’ यह सुनते ही वहां हलचल मच गई। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…