नई दिल्ली। 6 अक्टूबर यानि बुधवार को Sarva Pitra Moksha Amavasya 6 oct 2021 सर्व पितृ अमावस्या के साथ ही पितृ पक्ष की समाप्ति हो जाएगी। इसी के पितरों को प्रसन्न करने का मौका समाप्त हो जाएगा। अगर आप भी इन बचे दिनों में अपने पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं। तो 6 अक्टूबर का दिन आपके लिए खास रहेगा। कहते हैं इस दिन किया गया श्राद्ध कभी खाली नहीं जाता। इस दिन बन रहा विशेष गजछाया योग इसे और अधिक खास बनाएगा।
क्या करें, क्या न करें
वैसे तो पितरों की तिथि के दिन श्राद्ध किया जाता है। लेकिन जिन्हें इस तिथि का ज्ञान न हो। वे सर्व पितृ अमावस्या जिसे सव पितृ मोक्ष अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन कर सकते हैं। इस दिन ब्राहृमण को भोजन जरूर कराना चाहिए। साथ ही पहली थाली गाय, कुत्ते और कौए के लिए निकलने चाहिए। गरीबों को कपड़ो का दान भी करना चाहिए। किसी गरीब को सताएं नहीं। यदि घर पर कोइ भी कुछ मांगने आता है तो उसे सत्कार के साथ भोजन कराएं।
ये हैं पितृ दोष के लक्षण
वैसे तो पितृ दोष को कुंडली के माध्यम से देखा जाता है लेकिन कुछ लक्षण होते हैं। जिनसे हमें अंदाजा लगता है कि हमें पितृ दोष है। जी हां। जब हमारे बनते काम बिगड़ने लगते हैं, हमेशा जीवन में समस्याएं बनी रहती हैं। तो समझ लीजिए आपको भी पितृ दोष है।
पितृ पक्ष में जरूर दें बलि
पितृ पक्ष में घर की पहली रोटी गाय, कुत्ते और कौए को जरूर निकाली जानी चाहिए। ज्योतिष की भाषा में इसे बलि कहते हैं। पितृ पक्ष में इन तीनों की बलि के बिना श्राद्ध अधूरा माना जाता है।