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नई दिल्ली। Sankashti Chaturthi 2023 : जिस तरह पूर्णिमा और अमवास्या हर महीने आती है। उसी तरह गणेश चतुर्थी महीने में दो बार आती है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पूरे विधि विधान से पूजन करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। इस दिन चंद्र दर्शन और पूजा करने के ​भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है। बुद्धि, विद्या के देवता का आशीर्वाद की कृपा पाना चाहते हैं तो ये व्रत जरूर करें। चलिए जानते इसकी सही विधि, मुहूर्त और महत्व क्या है। साथ ही जानेंगे कि ये व्रत किस दिन रखा जाएगा।
संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त —
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 09 फरवरी 2023, गुरुवार सुबह 04:53 मिनट
चतुर्थी तिथि का समापन: 10 फरवरी 2023, शुक्रवार सुबह 6:28 मिनट
संकष्टी चतुर्थी चंद्रोदय समय: 09 फरवरी रात्रि 09:13 मिनट
ब्रह्म मुहूर्त: 09 फरवरी प्रातः 04 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 14 मिनट तक
संध्या पूजा शुभ मुहूर्त: शाम 06:58 मिनट से रात 08:34 मिनट
बिना चंद्र दर्शन नहीं होता व्रत का पारण —
गणेश चतुर्थी व्रत का पारण बिना चंद्र दर्शन के नहीं होता है। इस दिन संकष्टी चतुर्थी चंद्र दर्शन करने से आरोग्यता और उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
संकष्टी चतुर्थी पूजा नियम —
संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। फिर ध्यान करके सूर्य देव को अर्घ्य देकर दिन की शुरूआत करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान गणेश की पूजा करें। पूजा के दौरान भगवान गणेश को गंध, पुष्प, धूप, दीप आदि जरूर अर्पित करें। भगवान को मोदक और लड्डू जरूर चढ़ाएं। पूजन के बाद धूपदीप से भगवान की आरती करें। साथ ही अपनी गलतियों के लिए भगवान से क्षमा प्रार्थना जरूर करें।
भूलकर भी करें ये काम —
भगवान गणेश की पूजा में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पहला काले कपड़े पहनकर पूजा करना अशुभ माना जाता है। साथ ही इनके पूजन में तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
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