चेन्नई, 14 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को चेन्नई में पोंगल समारोह में हिस्सा लिया और इस मौके पर पूजा अर्चना की । भागवत यहां एक स्वयंसेवक के घर भी गए और तमिल भाषा में लिखित एक प्राचीन काव्य थिरूक्कुरल की कुछ पंक्तियां उद्धृत कीं।
मोहन भागवत ने इस अवसर पर ‘गौ पूजा’ भी की ।
गौरतलब है कि दक्षिण भारत में पवित्र महीना ‘थाइ’ के अवसर पर पोंगल त्योहार जोर-शोर से मनाया जाता है । यह विवाह एवं नये कारोबार शुरू करने के लिये शुभ माना जाता है ।
आरएसएस के एक स्वयंसेवक के घर जाने पर भागवत ने उस परिवार की एक लड़की को तमिल भाषा में लिखित एक प्राचीन काव्य थिरूक्कुरल की पंक्तियां बतायी ।
संघ प्रमुख ने जिन पंक्तियों को उद्धृत किया, उसका अर्थ है कि आग से जलने के जख्म तो भर जायेंगे लेकिन जुबान के जख्म नहीं।
लड़की ने भी भागवत को उस काव्य से कुछ पंक्तियां सुनाकर उनका आभार प्रकट किया ।
आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी द्वारा जारी वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा में है ।
इससे पहले धोती पहने एवं विभूति एवं कुमकुल लगाये मोहन भागवत गुरुवार सुबह चेन्नई के कादुम्बडी मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने पोंगल के जश्न में हिस्सा लिया और विशेष पूजा अर्चना की।
भागवत ने बाद में संघ के पदाधिकारियों के साथ संगठन के कामकाज की समीक्षा की ।
भाषा दीपक दीपक शाहिद
शाहिद