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संभल हिंसा में सपा सांसद पर दंगा भड़काने का FIR: अखिलेश ने पूछा 'हमारे सांसद बेंगलुरु में थे तो FIR संभल में कैसे'?

Uttar Pradesh (UP) Sambhal Mosque Survey Violence Updates सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सदर विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर दंगा भड़काने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की है।

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UP Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में 4 की मौत हो गई है। इसके बाद सोमवार को पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सदर विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर दंगा भड़काने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की है। इस मामले पर अब अखिलेश यादव ने पुलिस और सरकार दोनों सवाल पूछा है।

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मामले पर अखिलेश का सवाल

अखिलेश यादव ने कहा कि यह घटना दुखद है। हमारे सांसद संभल (UP Sambhal Violence) में मौजूद नहीं थे फिर भी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। यह पूरा का पूरा दंगा करवाया गया है और इसे सरकार ने करवाया है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि सांसद संभल में नहीं थे, बेंगलुरु में थे, फिर उनके खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप कैसे? पूरा विपक्ष इस सवाल को सदन में उठाना चाहता है लेकिन मौका नहीं दिया गया। 

बर्क को पहले भी दिया गया था नोटिस 

संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई न इस मामले पर कहा, “हमारे सब-इंस्पेक्टर दीपक राठी जो कल घायल हो गए थे, उन्होंने 800 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।” जियाउर्रहमान बर्क और सोहेल इकबाल को आरोपी बनाया गया है। उन्होंने भीड़ को उकसाया। बर्क को पहले भी नोटिस दिया गया था। उन्होंने पहले भी भड़काऊ भाषण दिए थे और उन्हें ऐसा न करने के लिए कहा गया था।

संसद में संभल हिंसा को लेकर चर्चा करने की हुई मांग

यूपी में चल रहे संभल हिंसा (UP Sambhal Violence) को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। इसी कड़ी में संसद में भी विषय पर चर्चा करने की मांग विपक्ष ने की थी। हालांकि यह मुद्दा केवल हंगामे का रुप लेकर रह गया।

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4 लोगों की गई जान

बता दें, पुलिस ने हिंसा से जुड़े मामले में 7 एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें 6 नामजद और 2500 से ज्यादा अज्ञात हैं। अब तक 25 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। हिंसा में जिन 4 युवकों की जान भी गई है, जिनका पोस्टमार्टम कराकर सुपुर्द-ए-खाक कर दिया है। मृतकों की पहचान नईम, बिलाल अंसारी, नौमान और मोहम्मद कैफ के रूप में हुई है।

इसके बाद मृतकों के परिजन का दावा है कि पुलिस की गोली से मौत हुई है। हालांकि कमिश्नर ने कहा, 'पुलिस फायरिंग में कोई मौत नहीं हुई है। हमलावरों की फायरिंग में युवकों की जान गई है।' वहीं, संभल पुलिस ने हिंसा से जुड़े उपद्रवियों के पहली बार फुटेज भी जारी किए हैं।

हिंसा के बाद इंटरनेट बंद

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एसपी ने बताया कि संभल तहसील में इंटरनेट बंद को एक दिन के लिए बढ़ाया जा रहा है। कल यानी मंगलवार को भी इंटरनेट बंद रहेगा। सभी स्कूल आज बंद रहेंगे। डीएम राजेंद्र पैंसिया ने एक दिसंबर तक संभल जिले में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। इसके अलावा अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में अधिकारी की अनुमति के बिना प्रवेश नहीं करेंगे।

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सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा

रविवार सुबह 6:30 बजे डीएम-एसपी के साथ एक टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। टीम को देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में करीब दो से तीन हजार लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पथराव कर दिया।

इसके बाद भगदड़ जैसे हालात हो गए। छतों से भी पथराव शुरू हो गया, पुलिस को भागना पड़ा। बवाल इतना बढ़ गया कि पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागे, फिर लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई।

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