सागर। जिले के डॉक्टर हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में लाइब्रेरियन भर्ती प्रक्रिया को लेकर विवादों में है। बताया जा रहा है कि लाइब्रेरियन पद निकली भर्तियां में नियमों की अनदेखी कर नियुक्तियां की गई हैं।
कारनामे की शिकायत पीएम से की
मामले की शिकायत उच्च शिक्षा मंत्री से लेकर पीएम तक की गई है। जानकारी में ये बात सामने आई है कि भर्ती में अभिनव लाइब्रेरी सेवा का प्रमाण पत्र अनिवार्य योग्यता में से एक थी, लेकिन स्क्रीनिंग कमेटी ने जांच कर मोहन टी ए को पात्रता इस शर्त पर दे दी थी कि उन्हें पिछले 10 वर्षों के फॉर्म 16 के साथ 10 वर्षों की वेतन पर्ची और अभिनव लाइब्रेरी सेवा का प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
इस तरह हुई गड़बड़ी
लेकिन उनके द्वारा आवेदन की अंतिम तारीख तक अनिवार्य योग्यता के लिए निर्धारित सर्टिफिकेट जमा नहीं किए गए। इसके साथ ही भर्ती प्रक्रिया में कई नियमों को किनारे किया गया है। मामले का खुलासा आरटीआई के जरिए हुआ जिसकी शिकायत अब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक की गई है। विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ आरोप लगे हैं कि लाइब्रेरियन की नियुक्ति में गंभीरता नहीं बरती गई।
लापरवाही बरतने वालो पर क्या होगी कार्रवाई?
अब आगे विश्वविद्यालय प्रबंधन इस भर्ती प्रक्रिया को जारी रखता है या फिर रद्द करता है ये समय की बात है। लेकिन अभी तक यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है।
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