हाइलाइट्स
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250 पार पहुंचा मरीजों का आंकड़ा
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गंभीर स्थिति देख घबराए गांव के लोग
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गांव के 80 फीसदी लोग पी रहे ट्यूबवेल का पानी
Sagar News: मध्यप्रदेश के सागर के मेहर गांव में पंचायत के लगे बोर का पानी पीने से डायरिया फैल गया है। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि हर घर में उल्टी-दस्त के मरीज हो गए हैं। वहीं किसी घर के तो सभी सदस्य ही बीमार हो गए हैं।
250 पार पहुंचा मरीजों का आंकड़ा
आपको बता दें कि गांव में डायरिया के मरीजों का आंकड़ा 250 के पार पहुंच गया है। इनमें ज्यादातर लोग उल्टी-दस्त से पीड़ित हैं। इनमें से एक शख्स की तो मौत हो गई। मरीजों की संख्या इतनी हो गई है कि अस्पतालों में पलंग कम पड़ गए हैं।
गंभीर स्थिति देख घबराए गांव के लोग
करीब 70 मरीजों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। बाकी के मरीजों का इलाज BMC और प्राइवेट अस्पतालों में चल रहा है। भर्ती मरीजों में बच्चों से लेकर महिलाएं और बुजुर्ग हैं। स्थिति गंभीर देख गांव में दहशत फैल गई है। सभी लोग घबराए हुए हैं।
ये है बीमारी की वजह
मरीजों की संख्या को बढ़ती देख इलाज के लिए उप स्वाथ्य केंद्र मेहर, आयुर्वेदिक अस्पताल और छात्रावास को अस्थाई अस्पताल बनाया है। यहां 30 से ज्यादा पलंग लगाकर मरीजों को भर्ती किया गया है। गांव वालों की तबीयत खराब होने के पीछे की वजह गंदा पानी बताया जा रहा है। गांव वाले ट्यूबवेल का पानी पीने से उल्टी-दस्त का शिकार हुए हैं।
कुछ गांव वालों ने दिया ये तर्क
हालांकि गांव के कुछ लोग पानी से उस्टी-दस्त की बात से मुकर रहे हैं। उनका कहना है कि वे करीब 30 साल से ट्यूबवेल का पानी पी रहे हैं। इससे पहले बोर का पानी पीने से कोई बीमार नहीं पड़ा। यदि गांव के लोग बोर के पानी से उल्टी-दस्त का शिकार होते तो गांव में सिर्फ तीन मोहल्ले आदिवासी मोहल्ला, ऊपर टोला, रविदास वार्ड नारायणपुरा में ही सबसे ज्यादा लोग बीमार हुए हैं।
मामले में प्रशासन ने बताई ये वजह
वहीं गांव में हर घर उल्टी-दस्त का मरीज होने से जिला प्रशासन का कहना है कि पानी की वजह ही लोगों के बीमार होने की संभावना है। ट्यूबवेल को 7 दिनों के लिए बंद दिया गया है। जांच के लिए पानी के सेंपल भेजे गए हैं, जांच रिपोर्ट में ही खुलासा होगा।
गांव के 80 फीसदी लोग पी रहे ट्यूबवेल का पानी
बता दें कि मेहर गांव (Sagar News) की करीब 5 हजार की आबादी है, जिसमें से 80 प्रतिशत आबादी सरकारी ट्यूबवेल से पानी पीते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे करीब 30 साल से इसी बोर का पानी पी रहे हैं।
बीमारी से चार बच्चों के पिता की मौत, एक परिवार के 8 लोग भर्ती
मेहर निवासी लल्लन बंसल उम्र 40 साल उल्टी-दस्त से ग्रसित हुए, इसके बाद इलाज के दौरान गुरुवार 4 जुलाई को मौत हो गई। बता दें कि लल्लन मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था।
उल्टी-दस्त से ग्रसित हुए मरीज लल्लन बंसल उम्र 40 साल निवासी मेहर की इलाज के दौरान गुरुवार रात बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। लल्लन के चार बच्चे 2 बेटी और 2 बेटे हैं, जिनका वह मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करता था।
मृतक के चचेरे भाई मूलचंद बंसल के मुताबिक, परिवार के 8 लोग उल्टी-दस्त की वजह से हॉस्पिटल (Sagar News) में भर्ती हैं। लल्लन की अचनाक तबीयत बिगड़ी और हाथ-पैर अकड़ने लगे। हॉस्पिटल में भर्ती किया को उचित इलाज नहीं मिला। इसके बाद लल्लन की मौत हो गई। अब परिवार को अस्पताल में भर्ती बच्चों और अन्य लोगों की चिंता है।
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