Sagar Mandir Controvercy: सागर में मंदिर में तोड़फोड़ की घटना के बाद उपजे तनाव के बीच पुलिस ने बाजार में जुट रही भीड़ पर लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया। पुलिस ने लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। रविवार को मंदिर तोड़फोड़ की घटना के विरोध में सागर बंद रखा गया। बड़ा बाजार, इतवारा बाजार, सराफा बाजार और कटरा बाजार की दुकानें पूरी तरह बंद रहीं। इस दौरान शहर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। बीच-बीच में भीड़ सड़कों और बाजारों में इकट्ठा होकर नारेबाजी करती रही, जिसे पुलिस ने हटाकर स्थिति को नियंत्रण में रखा।
32 थानों की पुलिस तैनात
बड़ा बाजार इलाके में तोड़फोड़ की घटना के बाद से शहर में तनाव की स्थिति बनी हुई है। हालात को देखते हुए जिले के सभी 32 थानों के टीआई और रिजर्व पुलिस बल को शहर में तैनात किया गया है। शहरभर में एक दर्जन से ज्यादा वज्र वाहन और पुलिस की अन्य मोबाइल गाड़ियां लगातार पेट्रोलिंग कर रही हैं।
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
एडिशनल एसपी और कलेक्टर ने भी सड़कों पर घूमकर स्थिति का जायजा लिया। मोराजी स्कूल के पास पुलिस ने बैरिकेड लगाकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। इसके अलावा अन्य गलियों में भी बैरिकेडिंग की गई है। रविवार शाम करीब 6 बजे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने फ्लैग मार्च निकालकर सुरक्षा का संदेश दिया। घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने शनिवार देर रात कोतवाली थाना क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है। इसके तहत जुलूस और लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
क्या था विवाद
सागर के बड़ा बाजार क्षेत्र की जड़िया गली में स्थित एक ऐतिहासिक मंदिर, जिसे सोनी और जड़िया समाज की कुलदेवता का मंदिर (कुलदेव की मड़िया) कहा जाता है, को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। इस मंदिर को लगभग 200 साल पुराना बताया जा रहा है और इसे समाज में गहरा धार्मिक महत्व प्राप्त है।
मंदिर को लेकर विवाद तब गहराया जब स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि जैन समाज के लोग वहां अपना धार्मिक स्थल स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। इस कारण मंदिर को हटाने की बातें भी होने लगीं। शनिवार को यह विवाद और भड़क गया जब जैन समाज के करीब 30 से अधिक युवक, चेहरे पर कपड़ा बांधकर, मंदिर पहुंचे और वहां तोड़फोड़ कर दी।
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विरोध के बाद अक्रोश
जैन समाज के कथित हमले के बाद हिंदू संगठनों और सोनी-जड़िया समाज के लोग आक्रोशित हो गए और कोतवाली थाने का घेराव कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने करीब 4 घंटे तक नारेबाजी करते हुए विरोध जताया। शनिवार देर रात हालात और भी तनावपूर्ण हो गए, जब शहर के अलग-अलग इलाकों में मारपीट और तोड़फोड़ की घटनाएं होने लगीं। इसके बाद रविवार को सागर बंद का ऐलान किया गया।
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