हाइलाइट्स
बस ड्राइवरों की हड़ताल खत्म
नए-पुराने दोनों बस स्टैंड से चलेंगी बसें
5 अगस्त से चल रही थी हड़ताल
Sagar Bus Driver Strike End: सागर में बस ड्राइवरों ने हड़ताल खत्म कर दी है। अब नए और पुराने दोनों बस स्टैंड से बसें चलेंगी। प्रशासन और बस ऑपरेटरों के बीच हुई बैठक में बसें चलाने को लेकर सहमति बन गई है। बस ड्राइवर 5 अगस्त से हड़ताल पर थे।
क्या थी ड्राइवरों की मांग
बस ड्राइवर सागर में पुराने बस स्टैंड से बसों का संचालन कराने की मांग को लेकर 5 अगस्त से हड़ताल पर थे। वे RTO ऑफिस के पास बने नए बस स्टैंड का विरोध कर रहे थे। अपनी मांग को लेकर उन्होंने शहर में मशाल जुलूस निकाला था। शहर बंद का आह्वान भी किया था। इसके बाद प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने बस ऑपरेटरों के साथ बैठक की।
नए-पुराने दोनों बस स्टैंड से चलेंगी बसें
शुक्रवार को हुई प्रशासन और बस ऑपरेटरों की बैठक में नए और पुराने दोनों स्टैंड से बसें चलाने पर सहमति बनी। MLA शैलेंद्र जैन ने बताया कि नए बस स्टैंड के साथ पुराना बस स्टैंड भी संचालित होगा। भोपाल रोड की बसें भोपाल रोड पर बने बस स्टैंड से चलेंगी। विद्यासागर बस स्टैंड से बीना की ओर बसें चलेंगी। इससे पुराने बस स्टैंड पर बसों का लोड कम हो, इस पर भी बात हुई है। बस एसोसिएशन ने भी सहमति दी है। इसके बाद बसों का संचालन शुरू कर दिया गया है।
पुराने बस स्टैंड से बसों का संचालन शुरू
बस एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष पांडेय ने बताया कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक में बसों का संचालन शुरू करने पर सहमति बनी है। सभी बस स्टैंड शुरू किए गए हैं।
RTO ऑफिस के पास बने नए बस स्टैंड से जैसीनगर, सिलवानी की ओर जाने वाली बसें चलेंगी।
बीना, गुना और अशोकनगर की ओर जाने वाली बसें आचार्य विद्यासागर बस स्टैंड से चलेंगी।
पुराने बस स्टैंड से इंदौर, भोपाल, छतरपुर, नरसिंहपुर, जबलपुर, रहली, बंडा समेत अन्य जगहों की बसें चलेंगी।
क्या है पूरा मामला ?
सागर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में नया बस स्टैंड बनाया गया है। ये स्टैंड शहर के बाहर है। कुछ दिनों पहले जिला प्रशासन ने सभी बसों को नए बस स्टैंड से चलाने का आदेश दिया था। इसके बाद बस संचालकों ने हड़ताल शुरू कर दी थी। बस ऑपरेटर्स का कहना था कि उनके पास पुराने बस स्टैंड के रूट का परमिट है, जबकि अब उन्हें नए बस स्टैंड से बसें चलानी होंगी। ऐसे में बसों के लिए नया रूट लंबा है और इस रूट पर दुर्घटना होने पर इसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना होगा।
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बस मालिकों ने तर्क दिया था कि जिस रूट का परमिट (नए बस स्टैंड से मकरोनिया और मोतीनगर के बीच) उनके पास नहीं है, वहां दुर्घटना होने पर बीमा कंपनियां बीमा नहीं देंगी। इससे बस मालिकों पर दबाव आएगा।