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Rajasthan: सचिन पायलट के फिर बगावती सुर, गहलोत सरकार को दिया 15 दिन का अल्टीमेटम

राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर खलबली मचती दिख रही है। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट एक बार बगावती सुर में नजर आ...

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Bansal News
Rajasthan: सचिन पायलट के फिर बगावती सुर, गहलोत सरकार को दिया 15 दिन का अल्टीमेटम

Rajasthan: राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर खलबली मचती दिख रही है। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट एक बार बगावती सुर में नजर आ रहे है। उन्होंने सोमवार को अपनी जन संघर्ष यात्रा का समापन किया। समापन समारोह के दौरान अपनी मांगों को पूरा करने के लिए उन्होंने अशोक गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दे दिया है।

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कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सोमवार को कहा कि अगर राज्‍य सरकार ने वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच सहित उनकी तीन मांगें नहीं मानीं तो वे पूरे राज्‍य में आंदोलन करेंगे। पायलट ने इसके लिए राज्‍य की कांग्रेस सरकार को इस महीने के आखिर तक यानी 15 दिन का समय दिया है।

बता दें कि पायलट ने यहां जयपुर में अपनी पांच दिन की जनसंघर्ष पद यात्रा के समापन अवसर पर जनसभा को संबोधित  किया। इस दौरान राज्‍य सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा व हेमाराम चौधरी के साथ साथ विधायक जीआर खटाना, वेद सोलंकी, सुरेश मोदी, राकेश पारीक, हरीश मीणा, खिलाड़ीलाल बैरवा, गिर्राज मलिंगा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, मुकेश भाकर, इंद्राज गुर्जर और रामनिवास गावड़िया भी मौजूद रहे। उधर उन्हें सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी।

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इस दौरान उन्होंने सरकार से 3 मांग किए है। उन्होंने कहा कि उनकी पहली मांग है कि राज्‍य सरकार राजस्‍थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) को बंद कर, पूरे तंत्र का पुनर्गठन करें, नए कानून मापदंड बनें और पारदर्शिता से लोगों का चयन हो।

इसके बाद उन्होंने कहा कि मेरी दूसरी मांग है कि पेपर लीक से प्रभावित प्रत्‍येक नौजवान को उच‍ित आर्थिक मुआवजा दिया जाना चाहिए। जबकि तीसरी मांग है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ लगे आरोपों की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराई जाए।’’

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पूरे प्रदेश में आंदोलन करूंगा

पायलट ने अपने संबोधन के दौरान गहलोत सरकार को घेरते हुए कहा, ‘‘इस महीने के आखिर तक, नौजवानों के हित में और भ्रष्टाचार के खिलाफ, ये तीनों मांगें अगर नहीं मानी गईं तो.... मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं क‍ि अभी मैंने गांधीवादी तरीके से (एक दिवसीय) अनशन किया, जनसंघर्ष यात्रा निकाली है। महीने के आखिर तक अगर कार्रवाई नहीं होती है तो मैं आप लोगों के साथ पूरे प्रदेश में आंदोलन करूंगा।

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अपनी मांगें पूरी करने के अल्टीमेटम को राजस्‍थान में चुनाव 2023 को देखते हुए मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि राज्‍य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस यहां अपनी सरकार दोबारा बनने की उम्‍मीद कर रही है। जबकि सीएम गहलोत और पायलट के बीच अब भी मनमुटाव जारी है।

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