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Saanp ki Mausi: कौन हैं सांप की मौसी, बिना नर के पैदा कर सकती है बच्चे! क्या आप जानते हैं नाम?

Saanp ki Mausi: बिल्ली को शेर की मौसी कहा जाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि सांप की मौसी किसे कहा जाता है।

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Saanp ki Mausi: कौन हैं सांप की मौसी, बिना नर के पैदा कर सकती है बच्चे! क्या आप जानते हैं नाम?

Saanp ki Mausi: बचपन में आपने पढ़ा या सुना होगा कि बिल्ली को शेर की मौसी कहा जाता है। शेर की मौसी के बारे में तो सब जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि सांप की मौसी किसे कहा जाता है।

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क्या आप जानते हैं सांप की मौसी किसे कहते हैं? दरअसल, यह एक छोटा-सा जीव होती है, जिसके पास पैर भी होते हैं। आइए जानते हैं सांप और इसमें क्या-क्या फर्क होता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बभनी को सांप की 'मौसी' कहा जाता है।

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हम यहां सांप के जैसे दिखने वाले एक जीव के बारे में बात कर रहे हैं, जिसे अंग्रेजी में "स्किंक" (Skink) या "सरीसृप" (Reptile) कहा जाता है। जिस तरह बिल्ली को शेर की 'मौसी' कहने के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है, वैसे ही बभनी को सांप की 'मौसी' कहने के पीछे भी कोई वैज्ञानिक पहलु नहीं है।

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यह जीव छिपकली की तरह दिखता है। लेकिन इसके पास छोटे-छोटे पैर भी होते हैं। यह एक विशेषता है जो सांपों में नहीं पाई जाती है और इसलिए इसे सांपों की 'मौसी' कहा जाता है।

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कहां पाई जाती है?

भारत में बभनियों की 62 प्रजातियां पाई जाती हैं, यह तथ्य जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Zoological Survey of India) द्वारा साझा किया गया है। सन् 2020 में ZSI के वैज्ञानिकों ने भारत में बभनियों की 62 प्रजातियों की पहचान की है। इनमें से 33 प्रजातियां, जो करीब 57 फीसदी हैं और केवल भारत में पाई जाती हैं।

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नहीं होती नुकसानदायक

इसकी चमड़ी सांपों की तुलना में चमकीली और मुलायम होती है। बभनी आमतौर पर मैदानों और घरों में आसानी से दिख जाती है, लेकिन इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। इसमें जहरीलापन नहीं होता है और यह काफी शर्मीला होता है। इसलिए यह छिपकलियों की तुलना में छिपकर रहना पसंद करती है।

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नर की आवश्यकता नहीं होती

कनाडा की मैक्वायर विश्वविद्यालय में आयोजित एक अध्ययन में पाया गया है कि मादा बभनी अपने शरीर में नर के साथ प्रजनन के बाद स्पर्म को जमा कर लेती है। इस जमा हुए स्पर्म की सहायता से, वह एक साल या उससे भी अधिक समय तक बिना नर के मिले बच्चों को जन्म दे सकती है।

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यह अध्ययन "जर्नल ऑफ हेरिडिटी" (Journal of Heredity) में प्रकाशित हुआ था। डलहौजी विश्वविद्यालय के जीवविज्ञान विभाग की डॉ। जूलिया रीले ने बताया कि अगर कोई मादा बभनी अपने शरीर के बाहर प्रजनन करती है, तो उसका साथी उसे छोड़कर चला जा सकता है।

मादा बभनी किसी अन्य नर के साथ संबंध नहीं बनाती है। इस कारण से, वह अपने शरीर में संग्रहीत स्पर्म की मदद से नर के बिना भी बच्चों को जन्म दे सकती है।

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