नई दिल्ली। भारत ने यूक्रेन में रह रहे अपने नागरिकों को अस्थायी रूप से वह देश(यू्क्रेन) छोड़ने की मंगलवार को सलाह दी।
यू्क्रेन मास्को के बीच बढ़ता तनाव
यू्क्रेन की सीमा पर रूस द्वारा अपने सैनिकों का जमावड़ा बढ़ाने को लेकर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) और मास्को के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत ने यह कदम उठाया है। कीव स्थित भारतीय दूतावास ने एक परामर्श में भारत के नागरिकों को यूक्रेन की और यूक्रेन के अंदर सभी गैर-जरूरी यात्रा से बचने को कहा है। इसमें कहा गया है, ‘‘यूक्रेन में मौजूदा स्थिति की अनिश्चितताओं के मद्देनजर वहां भारतीय नागरिक, खास तौर पर छात्र, जिनका रहना जरूरी नहीं है, अस्थायी रूप से देश (यूक्रेन) छोड़ने पर विचार कर सकते हैं।’’ यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की संख्या की जानकारी अभी नहीं है।
यूक्रेन में कितने भारतीय
हालांकि, 2020 के एक आधिकारिक दस्तावेज के मुताबिक, यूक्रेन में करीब 18,000 भारतीय छात्र अध्ययन कर रहे हैं। लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते इस आंकड़े में कमी की संभावना है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने परामर्श में भारतीय नागरिकों से अपनी स्थिति के बारे में सूचित करते रहने को कहा है ताकि दूतावास जरूरत पड़ने पर उन तक पहुंच सके। इसमें कहा गया है कि दूतावास ने यूक्रेन में भारतीय नागरिकों को सभी सेवाएं मुहैया करने के लिए सामान्य रूप से कामकाज करना जारी रखा है।
अमेरिका ने की आलोचना
यूक्रेन की सीमा पर रूसी सैनिकों का जमावड़ा बढ़ने को लेकर अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने रूस की आलोचना की है। यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका को मद्देनजर अमेरिका भी अतिरिक्त सैनिकों को यूरोप भेज चुका है ताकि पश्चिमी सहयोगियों को सहयोग दिया जा सके। रूस ने इस बात से इंकार किया है कि उसकी यूक्रेन पर हमले की कोई योजना है।