जयपुर। देश के बड़े राज्यों में इस समय सियासी गलियारों में काफी हलचल देखने को मिल रही है। हाल ही में जितिन प्रसाद की बगावत के बाद भाजपा की नजरें सचिन पायलट पर टिकी हुई हैं। मोदी सरकार में मंत्री रह चुके राज्यवर्धन सिंह राठौर ने इशारों ही इशारों में सचिन पायलट को भाजपा में आने का न्योता दे डाला। राज्यवर्धन सिंह ने रविवार को कहा कि जब केंद्र में नेतृत्व कमजोर होने लगता है तो राज्यों के नेता अपनी जगह तलाशना शुरू कर देते हैं। राज्य के नेता अपनी मर्जी से जगह तय करने में जुट जाते हैं। सचिन पायलट को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में राठौर ने कहा कि ऐसे नेता उस दल की तरफ अपना रुख करते हैं जिसके पास विजन हो। गौरतलब है कि राठौड़ खुद राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं। वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री पद की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। हालांकि इस बार उन्हें हाशिए पर डाल दिया गया है। वहीं राजस्थान में मचे चुनावी घमासान मचा हुआ है।
नेताओं के बीच तनातनी…
राजस्थान में सत्ता दल कांग्रेस के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने अशोक गहलोत वाली सरकार पर विधायकों के फोन टेप कराने के आरोप लगाए हैं। इसके बाद से यहां की राजनीति गर्माई हुई है। वेद प्रकाश सोलंकी को सचिन पायलट का कट्टर समर्थक माना जाता है। सोलंकी ने कहा कि विधायकों को एजेंसियों के फसने का डर है। उधऱ, विधायक के बयान पर विपक्षी भाजपा ने कहा कि कांग्रेस अपने ही विधायकों को डरा-धमका रही है। वहीं राजस्थान में विपक्षी दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने भी कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है।
पूनियां ने कहा कि फिर से कांग्रेस के एक विधायक कह रहे हैं कि कई विधायक कह रहे हैं कि उनके फोन टैप हो रहे हैं, उनकी जासूसी हो रही है। कांग्रेस बताए कि ये विधायक कौन हैं? उन्होंने कहा- सो जा बेटा गब्बर आ जाएगा की तर्ज़ पर कांग्रेस अपने ही विधायकों को डरा रही है। कांग्रेस बताए गब्बर कब आएगा? बता दें कि पिछले साल जुलाई के महीने में भी सचिन पायलट ने अपने 18 विधायकों समेत कांग्रेस के खिलाफ बगावत कर दी थी। उस समय भी सरकार के खिलाफ फोन टेपिंग जैसे आरोप लगाए गए थे।