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RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक का सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह होसबाले ने किया शुभारंभ, जानें एजेंडा

RSS Meeting: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 3 दिवसीय प्रतिनिधि सभा की बैठक बेंगलुरु में शुक्रवार को शुरू हो गई। ये बैठक 3 दिन तक चलेगी।

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Rahul Garhwal
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हाइलाइट्स

  • RSS की बेंगलुरु में बैठक
  • 3 दिन चलेगी मीटिंग
  • सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने किया शुभारंभ
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RSS Meeting: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 3 दिवसीय प्रतिनिधि सभा की बैठक बेंगलुरु में शुक्रवार को शुरू हो गई। बैठक का शुभारंभ सरसंचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने किया। RSS के सह सरकार्यवाह सीआर मुकुंद ने कहा कि संघ हमेशा से अपना काम मातृभाषा में करने पर जोर देता आ रहा है। परंतु इसके साथ ही जहां आप रहते हैं, वहां के लोगों से बातचीत करने एवं बाजार में परेशानी से बचने के लिए स्थानीय भाषा और कार्यस्थल की भाषा जानना जरूरी है।

RSS की मीटिंग का एजेंडा

सह सरकार्यवाह मुकुंद सीआर ने बताया कि मीटिंग का अधिकांश समय संघ के कार्यों का विश्लेषण और योजना बनाने में व्यतीत होगा। संघ स्थापना का यह 100वां वर्ष है। प्रतिनिधि सभा में संघ कार्य से सामाजिक प्रभाव और समाज में बदलाव लाने पर चर्चा, विचार-विमर्श होगा।

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मणिपुर पर RSS की राय

सह सरकार्यवाह सीआर मुकुंद ने कहा कि मणिपुर पिछले 20 महीनों से कठिन दौर से गुजर रहा है, लेकिन अब कुछ उम्मीदें जगी हैं। जब हम मणिपुर को लेकर केंद्र सरकार की दृष्टि को देखते हैं तो इसमें वहां के लोगों के लिए आशा की किरण दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि RSS स्थिति का विश्लेषण कर रहा है और उसका मानना है कि सामान्य माहौल बनने में लंबा वक्त लगेगा। RSS के संयुक्त महासचिव ने कहा कि राष्ट्रीय एकता को चुनौती देने वाली ताकतें चिंता का विषय हैं।

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[caption id="attachment_780823" align="alignnone" width="552"]rss सह सरकार्यवाह मुकुंद सीआर और संघ के मुख्य प्रवक्ता सुनील आंबेकर[/caption]

मातृभाषा

भाषा से संबंधित प्रश्न पर सह सरकार्यवाह सीआर मुकुंद ने ने कहा कि संघ का मानना है कि मातृभाषा का उपयोग न केवल शिक्षा में, बल्कि हमारे दैनिक जीवन में किया जाना चाहिए। संघ ने मातृभाषा पर एक प्रस्ताव पारित किया है। अगर कोई व्यक्ति कई भाषाएं सीखता है तो यह लाभदायक होता है। सरसंघचालक जी ने औपचारिक और अनौपचारिक बैठकों में यह संदेश दिया है कि हमें अपने दैनिक जीवन में मातृभाषा का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि लोगों को अन्य क्षेत्रों की भाषाएं भी सीखनी चाहिए।

संघ का शताब्दी वर्ष

सह सरकार्यवाह मुकुंद सीआर ने कहा कि संघ अपने शताब्दी वर्ष के दौरान कार्य के विस्तार की दिशा में काम कर रहा है। उसमें ग्रामीण मंडलों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहा है। संघ ने संगठनात्मक योजना के तहत देश को 58 हजार 981 ग्रामीण मंडलों में विभाजित किया है, जिनमें से 30 हजार 717 मंडलों में दैनिक शाखाएं और 9 हजार 200 मंडलों में साप्ताहिक मिलन चल रहे हैं।

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संघ शताब्दी विस्तारक

सह सरकार्यवाह ने उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष सरसंघचालक जी ने कार्यकर्ताओं से संघ कार्य विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए दो वर्ष का समय देने का आह्वान किया था, जिस पर 2453 स्वयंसेवकों ने संघ कार्य के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए स्वयं को समर्पित किया। एक अन्य महत्वपूर्ण बात यह कि संघ कार्य में युवाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है। हर वर्ष लाखों युवा, विशेषकर 14-25 आयु वर्ग के संघ से जुड़ रहे हैं। देश भर में कुल 4,415 प्रारंभिक वर्ग आयोजित किए गए। इन वर्गों में 2 लाख 22 हजार 962 स्वयंसेवक शामिल हुए। इनमें से 1 लाख 63 हजार स्वयंसेवक 14-25 आयु वर्ग और 20 हजार से ज्यादा स्वयंसेवक 40 साल से ज्यादा उम्र के थे।

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