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Roop Chaudas:रूप चौदस पर तिल के तेल और उबटन से ऐसे निखारें अपनी स्किन, दीवाली पर नहीं पड़ेगी ब्यूटी पार्लर जाने की जरूरत

Roop Chaudas Skin Glow Tips: रूप चौदस, जिसे नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली भी कहा जाता है, दीपावली से एक दिन पहले मनाया जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक रूप से पवित्र माना जाता है, बल्कि सौंदर्य और आत्मशुद्धि का भी प्रतीक है।

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anjali pandey
Roop Chaudas:रूप चौदस पर तिल के तेल और उबटन से ऐसे निखारें अपनी स्किन, दीवाली पर नहीं पड़ेगी ब्यूटी पार्लर जाने की जरूरत

Roop Chaudas Skin Glow Tips: रूप चौदस, जिसे नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली भी कहा जाता है, दीपावली से एक दिन पहले मनाया जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक रूप से पवित्र माना जाता है, बल्कि सौंदर्य और आत्मशुद्धि का भी प्रतीक है। कहा जाता है कि इस दिन अगर आप अपने शरीर और चेहरे की ठीक तरह से देखभाल करें, तो पूरा साल आपका रूप और तेज़ बना रहता है।

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रूप चौदस का अर्थ और महत्व

रूप चौदस शब्द दो हिस्सों से बना है ‘रूप’ यानी सुंदरता और ‘चौदस’ यानी चतुर्दशी (चौदहवां दिन)। इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर अभ्यंग स्नान करते हैं यानी तिल के तेल से शरीर की मालिश और उबटन से स्नान। यह परंपरा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी शरीर और त्वचा की सफाई और निखार के लिए बहुत उपयोगी है।

रूप चौदस पर स्किन निखारने के पारंपरिक उपाय

1. तिल के तेल से मालिश (अभ्यंग स्नान)

[caption id="" align="alignnone" width="762"]तिल के तेल से मालिश तिल के तेल से मालिश[/caption]

सुबह सूर्योदय से पहले तिल के तेल की मालिश करने से शरीर की थकान दूर होती है और त्वचा मुलायम बनती है।

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तिल का तेल विटामिन E से भरपूर होता है, जो त्वचा को मॉइस्चराइज करता है।

मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और स्किन में नैचुरल ग्लो आता है।

कैसे करें:

गुनगुना तिल का तेल लें और पूरे शरीर पर हल्के हाथों से मालिश करें। 15-20 मिनट बाद उबटन से स्नान करें।

2. उबटन लगाना

[caption id="" align="alignnone" width="1440"]लगाएं उबटन उबटन लगाएं[/caption]

उबटन को प्राचीन समय से सुंदरता बढ़ाने का सर्वोत्तम तरीका माना गया है। यह त्वचा की गहराई से सफाई करता है और झाइयाँ, टैनिंग व डलनेस दूर करता है।

घर पर बनाएं सरल उबटन

बेसन – 2 चम्मच

हल्दी – एक चुटकी

दूध या गुलाबजल – आवश्यक मात्रा

थोड़ा सा नींबू रस

कैसे लगाएं:

इसे चेहरे और शरीर पर लगाएँ, सूखने पर हल्के हाथों से रगड़ते हुए निकालें। आपकी त्वचा तुरंत निखर उठेगी।

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3. नीम और तुलसी से डीटॉक्स स्नान

[caption id="" align="alignnone" width="1280"]नीम और तुलसी से डीटॉक्स स्नान नीम और तुलसी से डीटॉक्स स्नान[/caption]

रूप चौदस पर त्वचा की गहराई से सफाई जरूरी मानी जाती है। नीम और तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी से स्नान करने से त्वचा पर मौजूद बैक्टीरिया खत्म होते हैं।

फायदे
  • मुंहासों और स्किन इंफेक्शन से बचाव
  • त्वचा को अंदर से साफ और ठंडक प्रदान
4. फेस पैक और स्क्रब का प्रयोग

[caption id="" align="alignnone" width="1200"]फेस पैक और स्क्रब का प्रयोग फेस पैक और स्क्रब का प्रयोग[/caption]

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इस दिन घर पर ही नैचुरल फेस पैक बनाकर लगाना शुभ और फायदेमंद माना जाता है।

मुल्तानी मिट्टी फेस पैक

मुल्तानी मिट्टी + गुलाबजल + खीरे का रस
यह पैक त्वचा को ठंडक, निखार और चमक देता है।

स्क्रब

चावल का आटा + शहद + दूध
यह स्क्रब डेड स्किन हटाकर चेहरे को ग्लोइंग बनाता है।

5. पॉजिटिव एनर्जी और मानसिक शुद्धि

[caption id="" align="alignnone" width="776"]पॉजिटिव एनर्जी और मानसिक शुद्धि पॉजिटिव एनर्जी और मानसिक शुद्धि[/caption]

रूप चौदस केवल बाहरी सुंदरता का दिन नहीं है, बल्कि आत्मिक शुद्धि का भी प्रतीक है। जब मन शांत और खुश रहता है, तो चेहरे पर भी एक प्राकृतिक चमक झलकती है। इस दिन ध्यान, प्रार्थना और खुश रहना आपकी आंतरिक सुंदरता को और बढ़ाता है।

कुछ जरूरी बातें

  • स्नान से पहले तेल मालिश ज़रूर करें।
  • साबुन की जगह उबटन या प्राकृतिक चीज़ों का उपयोग करें।
  • सुबह का समय स्नान और पूजा के लिए सबसे शुभ होता है।
  • साफ कपड़े पहनें और सकारात्मक विचार रखें।
  • दिनभर खूब पानी पिएं, ताकि त्वचा हाइड्रेटेड रहे।

रूप चौदस का अर्थ है शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि। जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन नरकासुर का वध किया था, वैसे ही हमें भी अपनी बुराइयों और नकारात्मकता को खत्म करके आत्मा में प्रकाश लाना चाहिए। इस दिन प्राकृतिक और सादे तरीकों से अपनी स्किन की देखभाल करें, और अपने भीतर और बाहर दोनों को सुंदर बनाएं।

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