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एक समय में केवल एक ही टूर्नामेंट पर ध्यान देंगे रोहन बोपन्ना

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Bhasha
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नयी दिल्ली, नौ जनवरी (भाषा) घुटने की समस्या के कारण छह महीने तक टेनिस कोर्ट से बाहर रहने वाले भारत के शीर्ष टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने कोविड-19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में समय का सदुपयोग करते हुए अपनी फिटनेस पर ध्यान लगाया और अब वह नये सत्र में खेलने को तैयार हैं जिसमें उनका लक्ष्य तोक्यो ओलंपिक 2020 को देखते हुए व्यक्तिगत रैंकिंग सुधारने का होगा।

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एटीपी का नया सत्र पांच जनवरी से शुरू हो गया जबकि पुरुषों की संचालन संस्था ने केवल पहली तिमाही के लिए कैलेंडर जारी किया है। इसका मतलब है कि खिलाड़ी जुलाई में तोक्यो ओलंपिक तक होने वाले टूर्नामेंट की योजना नहीं बना सकते है। लेकिन दो दशक के पेशेवर अनुभव वाले बोपन्ना समय खराब नहीं करना चाहते।

कुर्ग के 40 वर्षीय बोपन्ना ने ‘ओलंपिक चैनल’ से कहा, 'मैं इसे ओलंपिक वर्ष के रूप में नहीं देख रहा हूं क्योंकि हम यह भी नहीं जानते हैं कि यह होने वाला है भी या नहीं। अभी यह वक्त हमारी व्यक्तिगत रैंकिंग पर ध्यान केंद्रित करने का है। यह क्वालीफाई करने का एकमात्र तरीका है। इसलिये एक समय में सिर्फ एक टूर्नामेंट पर ही ध्यान लगा होगा। '

बोपन्ना को घुटने की परेशानी के कारण छह महीने तक टेनिस कोर्ट से बाहर रहना पड़ा। बोपन्ना 39वें और दिविज शरण 63वें स्थान पर रहने वाले सिर्फ दो भारतीय खिलाड़ी हैं जो वर्तमान में युगल में शीर्ष -100 में शामिल है। लेकिन उनका संयुक्त रैंकिंग के साथ एक टीम के रूप में क्वालीफाई करना बाकी है और उनके पास तोक्यो के लिये सात जुलाई तक स्थान पक्का करने का मौका है।

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अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) के नियमों के अनुसार शीर्ष 10 युगल खिलाड़ी 32 टीम स्पर्धा के लिए अपने आप क्वालीफाई कर लेंगे और उनके पास साथी खिलाड़ी का विकल्प भी होगा (300 से नीचे रैंक नहीं हो)।

यह भारतीय खिलाड़ी 31 जनवरी से शुरू होने वाले ऑस्ट्रेलियन ओपन की तैयारियों के टूर्नामेंट में से एक में मेलबर्न में 2021 अभियान की शुरुआत करेगा। वह साल के दो शुरूआती टूर्नामेंट में जोआओ सोसा के साथ जोड़ी बनायेंगे।

कोविड-19 महामारी ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया बल्कि आजीविका को भी बाधित किया, लेकिन बोपन्ना ने समय का सदुपयोग किया और फिटनेस पर ध्यान केंद्रित किया। टेनिस दौरे पर हार्ड कोर्ट पर खेलने से उनके घुटनों को काफी नुकसान पहुंचाया। छह महीने तक टेनिस से दूरी बनाने के बाद बोपन्ना ने इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए अयंगर योग का सहारा लिया।

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उन्होंने कहा, ‘‘मेरे घुटने की हड्डियों में लचीलापन पूरी तरह खत्म हो गया। इस कारण मेरी हड्डियां आपस में रगड खाती थी। यह बेहद दर्दनाक होता है। ऐसे दिन भी देखे जब मैं कोर्ट में नहीं जाना चाहता था।'

बोपन्ना ने कहा, 'महामारी के दौरान मैंने तीन महीने के लिए सप्ताह में चार बार अयंगर योग करना शुरू किया। इसने घुटने के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने और जोड़ों के भार झेलने की क्षमता को बढ़ाने में मदद की। इसने मेरी दशा को सुधारने में भी मदद की है।'

उन्होंने आगे कहा, 'इसमें बहुत सारी सामग्री और क्रियाओं का उपयोग किया जाता है- ब्लॉक, रस्सी, विभिन्न प्रकार की ताकत। आप अपने शरीर के वजन का उपयोग करते हैं। यह केवल सांस लेने तक ही सीमित नहीं है। यह एक सक्रिय योग है। मुझे लगता है कि मेरे मूवमेंट में अब कोई रूकावट नहीं है। इससे मन को शांत करने में भी मदद मिली है।'

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उन्होंने कहा, 'मेरे पास पहले तीन महीनों के लिए एक निश्चित जोड़ीदार नहीं हो सकता है, लेकिन मैं कोशिश करूंगा और बड़े आयोजनों में खेलूंगा, ताकि मेरे पास पर्याप्त अंक हासिल करने और ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का मौका बने।'

भाषा

नमिता आनन्द

आनन्द

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