नई दिल्ली। (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने कथित उर्वरक घोटाले से जुड़े एक धनशोधन मामले में गिरफ्तार राजद के राज्यसभा सदस्य अमरेंद्र धारी सिंह की जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी। विशेष न्यायाधीश विकास ढल ने सिंह को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर हैं क्योंकि वह करीब 685 करोड़ रुपये के धनशोधन में शामिल थे। अदालत ने कहा, “… आरोपी राज्यसभा सदस्य हैं और उर्वरकों की स्थायी संसदीय समिति के सदस्य भी हैं। मौजूदा मामला उर्वरकों के आयात में अपराध करते समय हुयी आमदनी से संबंधित है।
इस बात के आसार हैं कि एक प्रभावशाली व्यक्ति होने के कारण आरोपी कुछ गवाहों को प्रभावित कर सकता है, जो उर्वरकों के आयात में शामिल विभिन्न कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं।’ सांसद और कारोबारी को धनशोधन रोकथाम अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। यह मामला इफको और इंडिया पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) से जुड़े कथित उर्वरक घोटाला से संबंधित है। सीबीआई ने इस संबंध में पिछले महीने भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज किया था।कहा जाता है कि सिंह मामले में शामिल एक कंपनी ज्योति ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष थे।
इन नियमों के तहत दर्ज हुई थी एफआईआर
हुसैन ने कोर्ट को यह भी बताया कि नजरबंद करने के संबंध में सिंह का एक अन्य आवदेन विशेष जज के समक्ष भी विचाराधीन है। खाद्य घोटाला मामले केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने धोखाधड़ी के कथित अपराधों व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मई 2021 में एफआइआर दर्ज की थी। सीबीआई ने 19 मई को अमरेंद्र धारी सिंह के आवास और कार्यालय परिसर में छापेमारी की गई थी और 20 मई को ईडी ने भी मामला दर्ज कर लिया था।