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CG में राम और रामायण की राजनीति के बाद अब पुरखों के नाम पर सियासत शुरू

छत्तीसगढ़ में चुनावी समर शुरू हो गया है। राम और रामायण की राजनीति के बाद अब पुरखों के नाम पर भी सियासत शुरू हो गई है।

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Bansal News
CG में राम और रामायण की राजनीति के बाद अब पुरखों के नाम पर सियासत शुरू

रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनावी समर शुरू हो गया है। राम और रामायण की राजनीति के बाद अब पुरखों के नाम पर भी सियासत शुरू हो गई है। भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं का दौरा भी लगातार जारी है। उधर, बीजेपी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से समय मांग है। ताकि वह मोदी सरकार के 9 साल की उपलब्धि की किताब दे सकें।

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पुरखों के नाम पर सियासत शुरू

छत्तीसगढ़ में गाय, गोबर, राम और रामायण की राजनीति के बाद पुरखों के नाम पर सियासत शुरू हो गई है। आदिवासी सम्मान के नाम पर भाजपा पुरखौती यात्रा निकाल रही है, तो वही कांग्रेस भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में आदिवासियों के अपमान का मुद्दा लेकर जनता के बीच जा रही। चुनाव साल में यह राजनीति इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि छग में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का छत्तीसगढ़िया कार्ड चला है।

दरअसल, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान को मुद्दा बनाकर काम शुरू हुआ था। मुख्यमंत्री निवास में हरेली, राजधानी में राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव, छत्तीसगढ़िया खेलों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक शुरू किया गया। कांग्रेस की इस मुहिम में जब भाजपा पिछड़ती नजर आने लगी तो चुनाव के कुछ महीने पहले पुरखौती सम्मान यात्रा निकाला जा रहा।

वो क्या सम्मान यात्रा निकाल रहे हैं

बीजेपी के इस सम्मान यात्रा को लेकर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा आदिवासी दिवस के दिन आदिवासी समाज से आने वाले प्रदेश अध्यक्ष को हटा दें वो क्या सम्मान यात्रा निकाल रहे हैं। वहीं कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि BJP ने आडवाणी जी का अपमान किया।

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बाहरहाल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संस्कृति और छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान को लेकर चलाए जा रहे अभियान की काट भाजपा के पास फिलहाल नजर नहीं आ रही है। मजदूर दिवस पर बोरे-बासी खाकर मुख्यमंत्री ने एक नए वर्ग को साधने की कोशिश की।

भाजपा ने मांगा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से समय

इधर, छत्तीसगढ़ भाजपा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से समय मांगा है, ताकि केन्द्र की मोदी सरकार के 9 साल की उपलब्धि की किताब दे सकें। मोदी सरकार के 9 वर्ष के कार्यकाल का लेखा-जोखा जो कि बुकलेट के रूप में प्रकाशित है, जिसे व्यक्तिगत तौर पर सौंपना चाहते हैं। इसके लिए नरेश चन्द्र गुप्ता प्रदेश कार्यालय प्रभारी और प्रवक्ता नलिनीश ठोकने के लिए मिलने का समय मांगा गया है।

भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं का दौरा जारी

छत्तीसगढ़ में भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं का दौरा लगातार चल रहा है। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी छत्तीसगढ़ पहुंचे। उन्होंने मनरेगा से लेकर नरवा गरवा घुरुआ बारी समेत कई योजनाओं को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। वहीं, सीएम भूपेश बघेल को कका कहने को लेकर तंज भी कसा।

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छत्तीसगढ़ के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान ने प्रदेश का सियासी पारा गरमा दिया। गिरिराज सिंह ने मनरेगा समेत कई केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन नहीं होने को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल खुद को कका बताते हैं, लेकिन वे खा-खा हैं। हर संपत्ति को उनकी सरकार खाने का काम कर रही है।

सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश का अपमान बताया

गिरिराज सिंह के इस तंज को सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश का अपमान बताया है। सीएम ने कहा कि उन्हें कका का टाइटल प्रदेश की जनता ने दिया है। ऐसे में इसका मजाक उड़ाना प्रदेश के लोगों का अपमान है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में कका शब्द का उपयोग चाचा के लिए किया जाता है। सम्मान और आत्मीयता के साथ इस शब्द का प्रयोग होता है। यही वजह है, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के मजाक ने कांग्रेस को जहां प्रदेश की जनता का अपमान बताने का मौका दे दिया।

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