Rewa Khad Stampede: मध्यप्रदेश के रीवा में खाद के लिए खड़े किसानों पर लाठीचार्ज के दूसरे दिन उमरी में किसानों में भगदड़ मच गई। इसमें चार महिलाएं और दो पुरुष बुरी तरह घायल हो गए। घटना से किसान गुस्से में हैं। घटना मंगलवार, 9 सितंबर दोपहर की है।

जिला प्रशासन की लापरवाही आई सामने !
बताया जा रहा है कि हादसा कॉलेज प्रबंधन की जिद और स्थानीय पुलिस-प्रशासन की लापरवाही के कारण हुआ है। जिला प्रशासन ने एक कॉलेज में खाद वितरण केंद्र बनाया है। यहां सुबह से सैकड़ों किसानों की भीड़ इकट्ठा होने के बाद भी कॉलेज प्रबंधन गेट नहीं खोल रहा था। हालांकि, दावा किया गया है कि कॉलेज प्रबंधन वितरण केंद्र कहीं और शिफ्ट करने के लिए कह रहा था, लेकिन किसान वहां खाद की कमी बता रहे हैं।

खाद वितरण केंद्र पर थीं अव्यवस्थाएं
मंगलवार, 9 सितंबर सुबह से खड़े किसान दोपहर तक भूख और प्यास से बेचैन हो गए थे। खाद वितरण केंद्र पर व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं था। पुलिस ने भी कॉलेज का गेट खुलवाने का कोई प्रयास नहीं किया। बाद में एडीएम सपना चौधरी और एसपी विवेक सिंह के निर्देश पर पुलिस मौके पर पहुंचीं। एएसपी आरती सिंह ने खाद वितरण केंद्र का गेट खुलवाया तो सैकड़ों की भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई। जिससे कुछ महिलाएं और पुरुष जमीन पर गिर गए। इसके बाद भीड़ इन्हें कुचलते हुए निकल गई। इसमें चार महिलाएं दबकर बेहोश हो गईं। एक महिला के दबने से उसका दांत मसूड़ों में धंस गए। पुलिस की व्यवस्थाएं चरमरा गईं।
सुबह साढ़े चार बजे से लाइन में लगे थे किसान
पटना गांव से आये किसान प्रवीण कुमार पटेल ने बताया कि भगदड़ का कारण अव्यवस्था थी। खाद केंद्र के जिम्मेदार यह फैसला नहीं ले पा रहे थे कि कहां पर टोकन बांटे जाएंगे। कहां पर खाद बांटी जाएगी। प्रवीण ने बताया कि वह सुबह साढ़े चार बजे खाद वितरण केंद्र पर पहुंचे थे।
किसान शंकर प्रसाद कुशवाहा ने बताया कि वह उमरी ग्राम पंचायत से आया है। यहां सुबह 8 बजे से पहुंच गया था। दो दिन पहले एसडीएम के माध्यम से सूचना मिली थी कि मंगलवार को टोकन वितरण किया जाएगा। इसी वजह से बड़ी संख्या में टोकन और खाद लेने यहां पहुंचे, लेकिन इसे प्रशासन और पुलिस की अव्यवस्था ही कहा जाएगा कि इस तरह की स्थिति निर्मित हुई।

कांग्रेस ने लगाया कालाबाजारी का आरोप
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा, अगर सभी खाद वितरण केंद्रों में खाद की उपलब्धता है तो सितंबर के महीने में भी भगदड़ क्यों मच रही है। जितनी बार खाद की रैक आती है, उतनी बार कालाबाजारी हो जाती है। किसानों को झूठ बोलकर गर्मी और बरसात में लाइनों में चार-चार दिन खड़ा कराया जाता है, जिससे उनमें असंतोष पैदा होता है।
एसडीओपी बोले- किसान चाहते हैं हर दिन बांटें
एसडीओपी उमेश प्रजापति का कहना है कि वितरण केंद्र पर किसान खाद के इंतजार में हैं। किसानों को जितनी खाद की जरूरत है, उसी हिसाब से उनकी डिमांड है कि रोजाना खाद बांटी जाए। इसे लेकर पूर्व में भी टोकन वितरण CSO कॉलेज में हुआ था। आज भी यहीं पर खाद का वितरण किया जा रहा था। पिछली बार वितरण के दौरान कॉलेज का गेट डैमेज हो गया था। इसी को लेकर कॉलेज प्रशासन यह चाह रहा था कि अब उनका परिसर उपयोग में ना लाया जाए।
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प्रभारी कलेक्टर बोले- 5 केंद्रों से खाद का वितरण
प्रभारी कलेक्टर सौरभ सोनवड़े ने बताया कि रीवा के 5 डबल लॉक खाद वितरण केंद्रों पर खाद का वितरण किया गया है। इसमें उमरी, जवा, चाकघाट,गुढ़ और करहिया शामिल हैं। करहिया में सबसे अधिक 1200 किसानों को खाद बांटा गया है। किसानों को लगातार खाद उपलब्ध होती रहे इसके प्रयास किए जा रहे हैं। व्यवस्था में अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
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