रीवा। जिले के किसान इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं। रेलवे प्रभावित किसानों ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है। दरअसल, किसानों की जमीन रेलवे ने अधिग्रहित की है। जिसके बदले उन्हें मुआवजा मिलना था।
लेकिन सालों बाद भी किसानों को ना ही मुआवजा मिला और न ही परिवार को नौकरी दी गई। ऐसे में अब 5 हजार किसान इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं। किसानों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है।
ललितपुर रेल परियोजना का होना था काम
दरअसल, रीवा,सीधी, सिंगरौली, सतना और ललितपुर रेल परियोजना के तहत किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है जिसके बदले रेलवे विभाग द्वारा मुआवजा के साथ नौकरी देने का वादा किया था। इस नियम के आधार पर ही किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई थी।
किसानों ने कहा उन्हें नहीं मिली नियुक्ति
हालांकि जबलपुर रेल मंडल के द्वारा एक सूची जारी की गई है, जिसमें कुछ लोगों को नियुक्ति भी दी गई। लेकिन अभी कुछ किसाने ऐसे हैं जिनकी जमीन तो ले ली गई लेकिन उनको नियुक्ति नहीं दी गई। इस संबंध में रेलवे ने ना ही नियुक्ति देने वाले किसानों की लिस्ट तैयार की गई ना ही कोई जानकारी दी जा रही है।
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इसलिए किसान अब 5 हजार किसान इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है। किसानों ने 21 दिसंबर से भूख हड़ताल की भी चेतावनी दी है।
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