Retirement Planning: रिटायरमेंट के बाद हर महीने मिलने वाली पेंशन (monthly pension) आर्थिक स्थिरता का अहम जरिया होती है। लेकिन महंगाई (inflation) धीरे-धीरे इस आय की क्रय शक्ति को कम कर देती है। ऐसे में 50 हजार रुपये की पेंशन को सही निवेश (investment planning) के जरिए सुरक्षित और ग्रोथ-फ्रेंडली बनाया जा सकता है।
रिटायरमेंट के बाद निवेश की जरूरत क्यों?
पेंशन (Retirement Planning) को बैंक अकाउंट में पड़े रहने देने से ब्याज दर (interest rate) महंगाई की रफ्तार को मात नहीं दे पाती। नतीजा—भविष्य में खर्च बढ़ेंगे और बचत का मूल्य घटेगा। सही निवेश से न सिर्फ नियमित आय (regular income) बनी रहती है, बल्कि इमरजेंसी फंड (emergency fund) भी तैयार होता है।
पहला कदम- 6 से 12 महीने का खर्च अलग रखें
निवेश से पहले अपने 6-12 महीने के खर्च को अलग निकाल लें। इस रकम को हाई इंटरेस्ट सेविंग अकाउंट (high interest savings account) या लिक्विड म्यूचुअल फंड (liquid mutual funds) में रखें। इससे अचानक आने वाले मेडिकल या घरेलू खर्चों से आपके बाकी निवेश पर असर नहीं पड़ेगा।
पेंशन को 4 हिस्सों में बांटकर निवेश करें
- सुरक्षित निवेश – 40%
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (Senior Citizen Savings Scheme), पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) और AAA-रेटेड कॉर्पोरेट FD में निवेश करें। यह स्थिर ब्याज और सुरक्षा देता है। - कम जोखिम वाले शॉर्ट-टर्म निवेश – 30%
डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Funds), खासकर शॉर्ट ड्यूरेशन या कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड, जो सेविंग अकाउंट से बेहतर रिटर्न (returns) देते हैं। - लिक्विडिटी और ग्रोथ – 20%
लार्ज कैप इक्विटी फंड (large cap equity funds) या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश करें। लंबे समय में ये महंगाई से बचाव और लचीलापन (flexibility) दोनों देते हैं। - ग्रोथ सेक्टर – 10%
InvITs में निवेश करें, जो डिविडेंड (dividend) के साथ मध्यम ग्रोथ देते हैं।
SIP से निवेश को आसान और अनुशासित बनाएं
हर महीने पेंशन का एक हिस्सा म्यूचुअल फंड SIP (mutual fund SIP) में लगाएं। इससे निवेश में अनुशासन (discipline) और निरंतरता (consistency) आती है। पूरी पेंशन एक ही स्कीम में न लगाएं, बल्कि अलग-अलग साधनों में निवेश (diversification) कर जोखिम घटाएं।
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हर साल पोर्टफोलियो की समीक्षा जरूरी
साल में कम से कम एक बार पोर्टफोलियो रिव्यू (portfolio review) करें। अगर इक्विटी मार्केट (equity market) में बढ़त से आपके शेयर निवेश का अनुपात बढ़ गया है, तो कुछ राशि फिक्स्ड इनकम (fixed income) में शिफ्ट करें। पेंशन आयकर (pension income tax) के दायरे में आती है। सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट (tax saving) और लंबे समय के डेट फंड में निवेश से टैक्स बोझ कम किया जा सकता है।
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