इंफाल। हिंसा प्रभावित मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत लागू पाबंदियों में रविवार को ढील दी गयी। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट एन जॉनसन मीतेई द्वारा शनिवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, राज्य में झड़पें शुरू होने के बाद तीन मई को लोगों की आवाजाही पर पाबंदियां लगायी गयी थी।
अधिसूचना की गई जारी
इसमें कहा गया है इंफाल पश्चिम जिले के सभी क्षेत्रों में आम लोगों के घरों से बाहर निकलने पर लगाए गए प्रतिबंध में रविवार दो जुलाई को सुबह पांच बजे से शाम छह बजे तक ढील दी जाती है। अधिसूचना के अनुसार, जिले में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में सुधार आने के बाद यह फैसला लिया गया है।
हिंसा में 100 ज्यादा लोगों की जान गई
लोगों को दवाएं तथा खाद्य सामग्री समेत आवश्यक सामान खरीदने के लिए भी पाबंदी में ढील दिए जाने की आवश्यकता है। पूर्वोत्तर राज्य में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अभी तक 100 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं।
53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की
मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।