नई दिल्ली। Reserve Bank of India भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि बैंकों में ग्राहकों को मिलने वाली सेवाओं को और बेहतर बनाने समेत संचालन व्यवस्था में सुधार लाना वित्तीय संस्थानों के लिये पहली प्राथमिकता है और वह इस पर काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ग्राहकों के लिये बैंक से जुड़ी शिकायतों के निपटान के लिये सीएमएस (शिकायत प्रबंधन प्रणाली) पोर्टल समेत कई कदम उठाये गये हैं। कुछ खामियां हैं जिनमें सुधार के लिए बैंक प्रबंधन को ध्यान देना होगा।
गवर्नर दास ने कही बात
दास ने यहां आरबीआई मुख्यालय में पीटीआई-भाषा से विशेष बातचीत में कहा, ‘‘बैंक क्षेत्र में गवर्नेंस (संचालन व्यवस्था) के स्तर पर और सुधार लाने की जरूरत है। ऐसा नहीं है कि गवर्नेंस ठीक-ठाक नहीं है…संचालन व्यवस्था अब भी टिकाऊ और भरोसेमंद है लेकिन इसमें और सुधार भी लाए जा सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि जहां-जहां जो कमियां हैं, उन पर ध्यान देना होगा। हमें जहां कमियां नजर आती हैं, हम उनके बारे में बैंकों को बताते हैं। और मुझे खुशी है कि बैंक इस दिशा में अच्छी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। गवर्नेंस के अंतर्गत जोखिम प्रबंधन, अनुपालन से जुड़े कार्य, आंतरिक ऑडिट, निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता, ये सब ऐसी चीजें हैं जिनमें हमेशा सुधार की गुंजाइश रहती है।’’
India’s current account deficit (CAD) decreased to US$ 1.3 billion (0.2 per cent of GDP) in Q4:2022-23 from US$ 16.8 billion (2.0 per cent of GDP) in Q3:2022-231, and US$ 13.4 billion (1.6 per cent of GDP) a year ago [i.e., Q4:2021-22], says Reserve Bank of India (RBI) pic.twitter.com/0eMuWJlstx
— ANI (@ANI) June 27, 2023
बैंक स्तर पर कौन से देखना चाहेंगे सुधार
उनसे यह पूछा गया था कि एक गवर्नर के रूप में आने वाले समय में बैंक स्तर पर वह कौन से सुधार देखना चाहेंगे? इसके जवाब में उन्होंने यह बात कही। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में ग्राहकों को मिलने वाली सेवाओं में सुधार की जरूरत से जुड़े सवाल पर गवर्नर ने कहा, ‘‘ग्राहकों को मिलने वाली सेवाएं और उनकी सुविधाओं को हम प्राथमिकता देते रहे हैं। बैंकों को भी इस मामले में जागरूक किया गया है और बैंक भी इस मामले में पूरा ध्यान दे रहे हैं। इसके बावजूद कुछ शिकायतें आती रहती हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने इंटीग्रेटेड ओम्बुड्समैन योजना शुरू की है। इसमें सीएमएस (शिकायत प्रबंधन प्रणाली) पोर्टल है, जिसमें कोई भी व्यक्ति वित्तीय संस्थानों के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकता है।
ग्राहकों को देते है बेहतर सेवाएं
उस शिकायत का ओम्बुड्समैन विश्लेषण कर यह पता लगाता है कि सेवा में कमी कहां पर है। उसके बाद जरूरी कदम उठाए जाते हैं। ग्राहकों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए जरूरी कदम हम उठाते रहे हैं और आगे भी उठाते रहेंगे।’’ आरबीआई का सीएमएस पोर्टल शिकायतें दूर करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने वाला एक सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन है। आरबीआई के दायरे में आने वाली इकाइयों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिये आरबीआई की वेबसाइट के जरिये सीएमएस पोर्टल तक पहुंचा जा सकता है। यहां पर ऑनलाइन शिकायतें दर्ज की जा सकती है।
शिकायत निपटान पर कही बात
बैंक शाखा के स्तर पर शिकायत निपटान व्यवस्था के प्रचार- प्रसार के सवाल पर दास ने कहा, ‘‘बैंक शाखा के स्तर पर क्या और कैसे प्रचारित और प्रसारित करना है, इस बारे में बैंक प्रबंधन फैसला करता है। लेकिन हम बैंकों से इस बारे में बार-बार कहते रहे हैं कि ग्राहक सेवा महत्वपूर्ण है। बैंकों की साख ग्राहकों को मिलने वाली सेवा से जुड़ी है।’’ एक अन्य सवाल के जवाब में दास ने कहा, ‘‘लोगों को यह पता है कि कहां पर शिकायत करनी है। यह संभव है कि शिकायत पर संबंधित शाखा ने ठीक से ध्यान न दिया हो। ऐसी स्थिति में ग्राहक ऊपर जाकर शिकायत कर सकते हैं। हर बैंक में शिकायत पोर्टल है, आप वहां शिकायत कर सकते हैं। अगर आप उससे भी संतुष्ट नहीं है तो आप आरबीआई ओम्बुड्समैन को शिकायत भेज सकते हैं।’’