रिसर्च : बच्चों को संक्रमित होने से बचा सकता है MMR का टीका, जानिए इसके बारे में सबकुछ

नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस की तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी की है। इस लहर को बच्चों के लिए अधिक खरनाक बताया गया है। ऐसे में तीसरी लहर को लेकर कई शोध किए जा रहे हैं। ताकि थर्ड वेव को रोका जा सके।
विशेषज्ञों की माने तो अभी बचाव ही सुरक्षा है। इसके लिए बच्चों की इम्यून सिस्टम पर ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही कई शोध में ये भी दावा किया गया है कि बच्चों को MMR वैक्सीन देकर उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाया जा सकता है। ऐसे में जानना जरूरी है कि आखिर ये MMR वैक्सीन क्या है?
क्या है MMR वैक्सीन?
MMR वैक्सीन केवल बच्चों को दिया जाता है। MMR वैक्सीन यानी मीजल्स, मम्प्स और रूबेला का टीका, यह टीका बच्चों को रोगों से बचाव के लिए दिया जाता है। इसकी शुरूआत 1971 में हुई थी। 1971 से लेकर 1978 तक केवल एक टीका दिया जाता था। इसके बाद दो टीके दिए जाने लगे। MMR का टीका बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए दिया जाता है। ऐसे में कई शोध में यह दावा किया गया है कि कोविड-19 में भी यह टीका सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
हॉन्ग कॉन्ग में सभी व्यस्कों को दिया गया था MMR का टीका
MMR वैक्सीन पिछले साल वयस्कों को भी दी गई थी। लेकिन ये कारगर साबित नहीं हो सकी थी, लेकिन बच्चों के लिए यह प्रभावी हो सकती है। रिसर्च गेट में छपी एक शोध के मुताबिक साल 2019-20 में हॉन्ग कॉन्ग में सभी व्यस्कों को मुफ्त में MMR का टीका दिया गया था। इसके चलते वहां केवल 4 लोगों की ही मौत कोरोना से हुई। जबकि, हॉन्ग कॉन्ग जहां से कोरोना पुरी दुनिया में फैला यानी वुहान से महज 900 किलोमीटर दूर है। वहीं, जर्नल आफ माइक्रोबायोलॉजी में फरवरी 2021 में प्रकाशित शोध में माना गया कि जिन यूरोपियन देशों में MMR का टीका बच्चों और किशोंरों को लगा उन्हें कोरोना संक्रमण नहीं हुआ। जिन्हें हुआ भी उनमें बहुत हल्के लक्षण थे।
इंडियन इकेडमी आफ पीड्रियाट्रिक्स (आइएपी) की गाइडलाइन में बच्चों के अलावा 10 से 18 वर्ष साल तक के आयुवर्ग में एमएमआर का टीका है। इसके लिए विशेषज्ञ बच्चों को MMR का टीका देने की सलाह दे रहे हैं।
नोट- बंसल न्यूज इस दावे को बस सामान्य जानकारी के लिए आप तक पहुंचा रहा है। आप बिना किसी डॉक्टरी सलाह के इस टीके का इस्तेमाल न करें।