मुंबई। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सोमवार को कहा कि समूह की दूरसंचार इकाई रिलायंस जियो 5जी नेटवर्क के विकास पर दो लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी और इस साल दिवाली तक देश के कुछ बड़े शहरों में 5जी सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी। अंबानी ने आरआईएल की 45वीं सालाना आमसभा (एजीएम) की बैठक में यह घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जियो अगले साल के अंत तक पूरे देश में 5जी सेवाएं देने लगेगी। अंबानी ने कहा, ‘‘समूचे देश में सही मायने में 5जी नेटवर्क खड़ा करने के लिए हम कुल दो लाख करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जियो ने भारत जैसे बड़े आकार वाले देश के लिए 5जी सेवा शुरू करने के लिए सबसे तेज और सबसे महत्वाकांक्षी योजना बनाई है।
दो महीनों के भीतर, दिवाली तक हम दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में जियो 5जी की शुरुआत कर देंगे।’’ उन्होंने कहा कि भारत में 5जी सेवाएं महानगरों में शुरू होने के बाद जियो हर महीने अपनी मौजूदगी बढ़ाती जाएगी। उन्होंने कहा कि दिसंबर, 2023 आने तक देश के हर कस्बे एवं तहसील तक जियो की 5जी सेवाएं शुरू हो जाएंगी। रिलायंस ने हाल में संपन्न नीलामी में 88,078 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम खरीदा है। उसी समय कंपनी ने कहा था कि वह देश में उन्नत 5जी नेटवर्क खड़ा करेगी।
अंबानी ने एजीएम को संबोधित करते हुए कहा कि जियो भारत को दुनिया की सबसे बड़ी डेटा-प्रवर्तित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत ‘ट्रू 5जी’ से कम का हकदार नहीं है और 5जी सेवा सिर्फ कुछ खास लोगों तक सीमित नहीं रखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि जियो 5जी सेवाएं देने के लिए पांचवीं पीढ़ी के नवीनतम संस्करण को तैनात करेगा जिसमें 4जी नेटवर्क पर निर्भरता शून्य हो जाती है। इसके साथ ही जियो नई एवं शक्तिशाली सेवाओं की आपूर्ति कर सकती है। उन्होंने कहा कि जियो दुनिया के सभी अग्रणी वैश्विक स्मार्टफोन उपकरण विनिर्माताओं के करीबी संपर्क में काम कर रही है।
अंबानी ने कहा कि जियो ने देशभर में फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क खड़ा कर लिया है और आज फाइबर-टु-द-होम (एफटीटीएच) का हर तीन में से दो नया उपभोक्ता जियो को ही चुन रहा है। उन्होंने कहा कि जियो 5जी दूरसंचार के क्षेत्र में पासा पलटने वाला साबित होगा। अंबानी ने कहा, ‘‘भारत फिक्स्ड ब्रॉडबैंड अपनाने के मामले में दुनिया में अभी 138वें स्थान पर है। जियो भारत को इस श्रेणी में शीर्ष 10 देशों तक ले जाएगी।’’