Karpuri Thakur: 24 जनवरी को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती थी। इस मौके पर बिहार के साथ-साथ देश भर के नेता जन नायक को याद कर रहे थे। ऐसे में उनका बारे में हम सबको जानना बहुत जरूरी है। कर्पूरी ठाकुर बेहद गरीब परिवार से आते थे। उन्हें गरीबों का मसीहा माना जाता है। वह दो बार बिहार के मुख्यमंत्री और एक बार उप मुख्यमंत्री रहे।
एक मकान तक नहीं बनवाया
कर्पूरी ठाकुर की सादगी और ईमानदारी के कई किस्से है। स्वतंत्रता सेनानी कर्पूरी ठाकुर 1952 से लगातार दशकों तक विधायक रह, पर अपने लिए उन्होंने कहीं एक मकान तक नहीं बनवाया। उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता हेमवंती नंदन बहुगुणा उनके पैतृक गांव में पुश्तैनी झोपड़ी देख कर रो पड़े थे। कर्पूरी ठाकुर को गरीबों का मसीहा माना जाता है। कर्पूरी ठाकुर बेहद गरीब परिवार से आते थे। दो बार बिहार के मुख्यमंत्री और एक बार उप मुख्यमंत्री रहे। उनके बारे में कहा जाता है कि सत्ता मिलने के बावजूद उन्होंने कभी भी उसका दुरुपयोग नहीं किया। उनकी ईमानदारी के कई किस्से आज भी बिहार में आपको सुनने को मिलते हैं।
नौकरी के लिए सिफारिश करने से किया था इनकार
कर्पूरी ठाकुर से जुड़े कुछ लोग बताते हैं कि कर्पूरी ठाकुर जब राज्य के मुख्यमंत्री थे तो रिश्ते में उनके एक बहनोई उनके पास नौकरी के लिए गए। उन्होंने मुख्यमंत्री साले से नौकरी के लिए सिफारिश करने के लिए कहा। बहनोई की बात सुनकर कर्पूरी ठाकुर गंभीर हो गए। उन्होंने अपनी जेब से पचास रुपये निकालकर उन्हें दिए और कहा कि जाइए और एक उस्तरा आदि खरीद लीजिए। अपना पुश्तैनी धंधा आरंभ कीजिए।