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हाइलाइट्स
- डॉक्टर-मरीज अलग शहर में, फिर भी सर्जरी सफल
- रोबोटिक तकनीक से दो अस्पताल जुड़े
- भारत बना टेली-रोबोटिक सर्जरी का अग्रणी देश
Bhopal Reciprocal Surgery: क्या आपने कभी सोचा है कि डॉक्टर एक शहर में बैठे हों और सर्जरी सैकड़ों किलोमीटर दूर किसी दूसरे शहर में हो रही हो? सुनने में यह साइंस फिक्शन लगता है, लेकिन भारत में यह हकीकत बन चुका है। भोपाल और आगरा में एक साथ हुई “रेसीप्रोकल सर्जरी” ने मेडिकल साइंस में नया अध्याय जोड़ दिया है।
कैसे हुई दुनिया की पहली ‘रेसीप्रोकल सर्जरी’?
भोपाल की प्रजनन एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रिया भावे चित्तावार ने टेली-रोबोटिक तकनीक के ज़रिए 440 किलोमीटर दूर आगरा में एक महिला मरीज की हिस्ट्रेक्टोमी (बच्चेदानी निकालने की सर्जरी) की। इसी दिन आगरा में मौजूद डॉक्टर ने भोपाल के अस्पताल में भर्ती मरीज की सर्जरी की। दोनों अस्पतालों में समान रोबोटिक सिस्टम लगा था, जिसे P2P (Peer-to-Peer) कनेक्शन से जोड़ा गया। इस कनेक्शन में इंटरनेट स्पीड स्थिर रहती है, जिससे डॉक्टर के कमांड देने पर रोबोटिक आर्म्स तुरंत और सटीक हरकत करते हैं।
टेक्नोलॉजी से खत्म हुई दूरी की सीमा
अब विशेषज्ञ सिर्फ एक शहर तक सीमित नहीं रहेंगे। इस तकनीक से छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों के मरीज भी बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों से सटीक और सुरक्षित इलाज पा सकेंगे। इससे मरीजों को इलाज के लिए महानगरों तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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क्या है टेली रोबोटिक सर्जरी?
टेली-रोबोटिक सर्जरी में सर्जन ऑपरेशन थिएटर में मौजूद नहीं होता। वह लो-लेटेंसी कनेक्टिविटी (फाइबर, 5G या समर्पित नेटवर्क) के ज़रिए अपने कंसोल से रोबोटिक आर्म्स को नियंत्रित करता है। 3D हाई-डेफिनिशन कैमरा और रियल-टाइम मोशन सिस्टम के कारण सर्जरी अत्यधिक सटीक होती है। इसमें छोटा चीरा, कम दर्द और कम रक्तस्राव होता है। मरीज जल्दी रिकवर होता है और अस्पताल में कम समय तक रहना पड़ता है।
इस तकनीक के फायदे
- अत्यधिक सटीकता: रोबोटिक आर्म्स से हरकतें बारीकी से नियंत्रित होती हैं।
- कम दर्द और तेज रिकवरी: पारंपरिक सर्जरी की तुलना में मरीज जल्दी ठीक होता है।
- सस्ती और सुलभ सुविधा: छोटे अस्पताल भी बड़े विशेषज्ञों से जुड़ सकते हैं।
सुरक्षा और मानक सबसे अहम
इस सर्जरी के लिए CDSCO से अनुमति लेना जरूरी होता है। सर्जरी से पहले नेटवर्क स्थिरता, बिजली बैकअप, मरीज चयन, एनेस्थीसिया रेडीनेस और रोबोटिक सिस्टम की जांच जैसी तैयारियां की जाती हैं। टीम के मुताबिक, सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया गया ताकि मरीज की सुरक्षा सर्वोपरि रहे।
भोपाल से हुई यह “रेसीप्रोकल सर्जरी” भारत को मेडिकल टेक्नोलॉजी के नए युग में प्रवेश कराने वाली ऐतिहासिक उपलब्धि है। अब इलाज के लिए दूरी कोई बाधा नहीं रही ,क्योंकि डॉक्टर और मरीज भले अलग शहरों में हों, लेकिन रोबोटिक सर्जरी ने उन्हें एक ऑपरेशन थिएटर में ला दिया है।
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