Mobile Sim Port: भारत में मोबाइल में यूज की जानें वाली सिम कंपनियों रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने 3 जुलाई 2024 से अपने रिचार्ज प्लान की कीमतों में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है।
इस बढ़ोतरी के बाद भारत के मोबाइल यूजर्स चौंक गए हैं। ये पहली बार नहीं है जब सिम कंपनियों ने अपनी कीमतों में इजाफा किया हो।
ये कंपनियां पहले भी कई बार अपने रिचार्ज प्लान की कीमतों में इजाफा कर चुकी हैं। पहले सिम हमेशा चालू होती थी आप उसमें रिचार्ज कराएं या न कराएं मगर कुछ समय पहले कंपनियों ने इस सुविधा को भी बंद कर दिया है।
इस बार बढ़ी कीमतो की वजह से भारत के सभी यूजर्स में इन कंपनियों को लेकर गुस्सा है।
मोबाइल सिम रिचार्ज प्लान हुए महंगे: हर महीने हो रहीं करोड़ों सिम पोर्ट, 100 करोड़ के पार हो गया पोर्ट का आंकड़ा@TRAI @airtelindia @reliancejio @BSNLCorporate @JM_Scindia @pib_comm#recharge #rechargeplan #rechargepricehike #simport
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अभी ऐसी कई खबरें सामने आ चुकी हैं जब यूजर्स से इन बढ़ी कीमतों से परेशान होकर अपनी सिम सराकरी कंपनी बीएसएनएल (BSNL) में पोर्ट करा ली हैं। BSNL भी देश में तेजी से अपने नेटवर्क का विस्तार कर रही है अभी इस कंपनी ने टाटा की टीसीएस से भी नेटवर्क को लेकर एक डील की थी।
इन बढ़ी कीमतों को अभी ज्यादा समय भी नहीं हुआ था और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India) ने एक ऐसी रिपोर्ट पेश की है जिसने सभी को चौंका दिया है। देश में होने वाली सिम पोर्ट ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
सिम पोर्ट का आंकड़ा पहुंचा 100 करोड़ के पार
भारत में सिम यूज करने वाले सभी यूजर्स को डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन (DoT) की तरफ से यूज कर रहे नंबर को बिना बदले नेटवर्क प्रोवाइडर बदलने की सुविधा मिलती है।
आसान भाषा में समझा जाए तो आप जियो की सिम यूज कर रहें हैं और आपको इस कंपनी में कोई दिक्कत आ रही है, लेकिन आपका नबंर जरुरी है आप उसे नहीं बदल सकते हैं तो ऐसी स्थिती में आप अपने सिम नबंर को बिना बदले ही सिम की कंपनी को बदल सकते हैं। इस सिम कंपनी बदलने की पूरी प्रॉसेस को पोर्ट कहते हैं।
Telecom Regulatory Authority of India और डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन की रिपोर्ट की मानें तो जनवरी 2011 से 6 जुलाई 2024 तक मोबाइल नंबर पोर्टबिलिटी सर्विस ने 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया है।
जिसने अपने आप में सारे रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। ये कोई छोटा आंकड़ा नहीं है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) की मानें, तो भारत में हर एक महीने में लगभग 1.1 करोड़ मोबाइल सिम पोर्ट कराने की रिक्वेस्ट मिलती है। इसका मतलब है कि भारत में हर महीनें करोड़ो सिम पोर्ट हो रही हैं।
कंपनियों ने बदले सिम कार्ड के नियम
नए नियम के आने से पहले यदि गलती से किसी यूजर का सिम कार्ड टूट जाता था, काम नहीं करता था या खो जाता था तो वह तुरंत अपने नंबर को उसी कंपनी के दूसरे सिम कार्ड पर ट्रांसफर आसानी से करवा सकता था, लेकिन अब नए नियमों की मानें तो यूजर्स को इस समस्या का सामना करने पर अब यूजर को 7 दिन तक का इंतजार करना पड़ सकता है।
ऐसा सिर्फ सिम स्वैपिंग फ्रॉड से बचने के लिए किया जा रहा है। इससे फ्रॉड लोगों से बचा जा सकता है और सुरक्षा को मजबूत किया जा सकता है।
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