RBI Foundation Day 2023 : आज जहां पर एक अप्रैल का दिन है वहीं पर वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद आज बैंको के बैंक के रूप में जाना जाने वाले बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का दिन भी है जहां पर आज ही के दिन यानि की, 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना हुई थी। जहां पर अंग्रेजो की गुलामी के दिनों में आखिर कैसे रिजर्व बैंक ने अपना स्थान बनाया वैसे ही कहानी आइए जानते है।
जानिए कैसे हुई रिजर्व बैंक की शुरूआत
आपको बताते चलें कि, भारत में रिजर्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई थी तो वहीं पर उस दिन ही रिजर्व बैंक का पहला गवर्नर सर ओसबर्न स्मिथ को बनाया गया था। वहीं पर साल 1926 में इंडियन करंसी एंड फाइनेंस से संबंधित रॉयल कमिशन ने भारत के लिए एक सेंट्रल बैंक बनाने का सुझाव दिया था. इसका उद्देश्य था कि करेंसी और क्रेडिट के कंट्रोल के लिए एक अलग संस्था बने और सरकार को इस काम से मुक्त किया जाए. इसके बाद साल 1927 में लेजिस्लेटिव असेंबली में इस संबंध में एक विधेयक पेश किया गया था लेकिन उस समय सहमति नहीं बन पाने की वजह से 1933 में भारतीय संवैधानिक सुधारों पर एक श्वेत पत्र लाया गया। जिसमें बदलाव होने के बाद 1934 में ये विधेयक पारित किया और भारत में सेंट्रल बैंक की शुरूआत हुई।
जानिए कैसा रहा रिजर्व बैंक का काम
आपको बताते चलें कि, यहां पर बात करें तो, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का कार्यालय पहले कोलकाता हुआ करता था जिसके बाद सेंट्रल ऑफिस को मुंबई शिफ्ट कर दिया गया। बताया जा रहा है कि, जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र का स्वरूप बदलता रहा, वैसे-वैसे रिजर्व बैंक की भूमिकाओं और कामकाज में बदलाव होता गया। यहीं पर आजादी से पहले साल 1942 तक आरबीआई भारत के अलावा म्यांमार जिसे तब बर्मा के नाम से जाना जाता था, के लिए भी करेंसी जारी करता था। 948 के बाद इसे बंद किया गया. 1949 में भारत सरकार ने इसका राष्ट्रीयकरण किया. आज इसका पूरा स्वामित्व भारत सरकार के पास है। जहां पर बैंकों के लिए नीतियां बनाने और लागू करने का काम ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ही करता है।